ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेज की उपासना से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना संभव ! – सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी, धर्मप्रचारक संत, सनातन संस्था
आध्यात्मिक साधना करने से आत्मविश्वास जागृत होता है तथा व्यक्ति तनावमुक्त जीवन जी सकता है । वह साधना कर अपने कृत्य के फल के कार्य की अपेक्षा किए बिना कार्य कर सकता है तथा प्रत्येक कृत्य से आनंद प्राप्त करता है । फल की अपेक्षा रखे बिना काम करने से वह निःस्वार्थ कर्मयोग होता है, जिससे आध्यात्मिक प्रगति भी होती है । केवल ऐसा व्यक्ति ही धर्मरक्षा का कार्य सकता है ।