गुरुसंबंधी आलोचना अथवा अनुचित विचार एवं उनका खंडन !

यदि हमें मनुष्य जन्म मिला है । इस जन्म का मुझे सार्थक करना है । आनंदमय जीवन यापन करना है । जीवन के प्रत्येक क्षण स्थिर रहना है, तो गुरु के बिना विकल्प नहीं है ।

गुरुमंत्र संबंधी भ्रांतिया

कई लोगोंके मनमें गुरुमंत्र संबंधी कुछ भ्रांतियां रहती हैं । आध्यात्मिक परिभाषा का ज्ञान न होने के कारण ये भ्रांतियां उत्पन्न हुई हैं ।