प्राचीन काल की लकडी से मूर्ति बनाने की अध्यात्मशास्त्रीय पद्धति

‘भारत को ऋषि-मुनियों की महान परंपरा प्राप्त है । ऋषि-मुनियों द्वारा लिखे गए वेद, उपनिषद, पुराण इत्यादि मनुष्य को सर्वांगीण ज्ञान प्रदान करते हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शनानुसार श्री गणेशमूर्ति बनाते समय मूर्तिकार साधक श्री गुरुदास खंडेपारकर को सीखने के लिए मिले सूत्र

गणेशजी की सात्त्विक मूर्ति बनाते समय परम पूज्य डॉक्टरजी मूर्तिनिर्माण के प्रत्येक चरण में अनेक सुधार बताते थे । तब, मुझे लगता था कि ये ठीक कह रहे हैं और इनके बताए अनुसार सुधार कर, मूर्ति बनानी चाहिए ।’ इसलिए, मूर्ति में अनेक सुधार करना पडा ।