महिलाओं के लिए मां दुर्गा अथवा झांसी की रानी का रूप धारण करना आवश्यक !

‘कैरियर’ करने की अपेक्षा महिलाओं को अपने परिवार के भले के लिए त्याग करना चाहिए । आज संस्कार एवं संस्कृति मृतप्राय: हो गई है । घर में सभी सुविधाएं होते हुए भी वहां संतुष्टि नहीं है ।

महिलादिन के अवसर पर !

भारतीय संस्कृति में स्त्रियों के शीलरक्षण का विशेष महत्त्व है । इसी कारण रामायण और महाभारत हुआ था । आज भारतीय स्त्रियों के शीलरक्षण को महत्त्व नहीं दिया जाता ।

हे हिन्दू नारी, धर्माचरण से है तुम्हारी पहचान ! अबला नहीं, तुम हो रणरागिणी !

हमारी बेटियां, माताएं और बहनें जब तक दुर्गा अथवा झांसी की रानी का रूप नहीं धारण करतीं, तब तक हमें ऐसा नहीं मानना चाहिए कि क्रांति सफल हुई ।