विदेशी व्यक्तियों का स्पर्श होने पर सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळ को अनुभव हुआ सात्त्विक स्पर्श और असात्त्विक स्पर्श में भेद !

सद्गुरु(श्रीमती) अंजली गाडगीळ महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय की ओर से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की आध्यात्मिक अध्ययन यात्रा की । उसके अंतर्गत विविध देशों में अनेक स्थानों पर जाकर वहां की प्रथा-परंपराएं , संस्कृति आदि विषय की जानकरी लेने की सेवा वे कर रही है । उस समय वहां विविध देशों से आए अनेक पर्यटक भी होते हैं ।