श्री महालक्ष्मी देवी का नामजप

श्री महालक्ष्मी मंदिर भारत देश के हिंदू धर्म के अनुसार पुराणों में सूचित किया हुआ विभिन्न शक्ति पीठों मैं एक है और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है। अब हम सुनेंगे …

श्री भवानी देवी का नामजप

देशभर में कई जगह पर माता तुलजा भवानी और चामुण्डा माता की पूजा का प्रचलन है। खासकर यह महाराष्ट्र में अधिक है। अब हम सुनेंगे …

शनिस्तोत्र

  कोणस्थ: पिङ्गलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोऽन्तको यमः । सौरिः शनैश्‍चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः ॥ एतानि दश नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत् । शनैश्‍वरकृता पीडा न कदाचित् भविष्यति ॥ पिप्पलाद उवाच । नमस्ते कोणसंस्थाय पिङ्गलाय नमोऽस्तुते । नमस्ते बभ्रुरूपाय कृष्णाय च नमोऽस्तुते ॥ १ ॥ नमस्ते रौद्रदेहाय नमस्ते चान्तकाय च । नमस्ते यमसंज्ञाय नमस्ते सौरये विभो ॥ … Read more

श्रीरामजी की आरती !

श्रीरामचंद्र कृपाल भजु मन हरण भव भय दारुणम् ।
नवकंजलोचन,कंजमुख,कर-कंज,पद-कंजारुणम्।।१।। श्रीराम-श्रीराम….

श्रीरामरक्षास्तोत्र

जिस स्तोत्रका पाठ करनेवालोंका श्रीरामद्वारा रक्षण होता है, वह स्तोत्र है श्रीरामरक्षास्तोत्र । जो इस स्तोत्रका पाठ करेगा वह दीर्घायु, सुखी, संततिवान, विजयी तथा विनयसंपन्न होगा’, ऐसी फलश्रुति इस स्तोत्रमें बताई गई है ।

मयूरेशस्तोत्रम्

यह स्तोत्र साक्षात् ब्रह्माजी ने ही कहा है । इसकी फलश्रुति का वर्णन गणेश भगवान ने इसप्रकार किया है – ‘इससे कारागृह के निरपराध कैदी ७ दिनों में मुक्त हो जाते हैं । स्तोत्र भावपूर्ण कहने से फलनिष्पति मिलती है ।

श्री गणपति अथर्वशीर्ष

‘गणपति अथर्वशीर्ष’ यह श्री गणेश का दूसरा सर्वपरिचित स्तोत्र है । ‘अथर्वशीर्ष’ का ‘थर्व’ अर्थात ‘उष्ण.’ अथर्व अर्थात शांति’ एवं ‘शीर्ष’ अर्थात ‘मस्तक’ । जिसके पुरश्‍चरण से शांति मिलती है, वह है ‘अथर्वशीर्ष’ ।