ज्योतिषशास्त्र की महानता

‘कहां बुद्धि का उपयोग कर अगले कुछ वर्षों में क्या होगा, इसका अनुमान लगानेवाले पाश्‍चात्त्य, तो कहां युगोंयुगों के संदर्भ में बतानेवाला ज्योतिषशास्त्र ! -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

वैज्ञानिकों को शोध करने की बुद्धि किसने दी ?

‘बुद्धिवादियों और विज्ञानवादियों, ‘वैज्ञानिकों को शोध करने की बुद्धि किसने दी ?’, क्या कभी इसका विचार किया है ? यह बुद्धि ईश्‍वर ने दी है । क्या ऐसे में कोई बुद्धिमान व्यक्ति बोलेगा कि ‘ईश्वर नहीं’ है ? -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

विज्ञान ने विविध उपकरणों की खोज कर मनुष्य का समय…

‘विज्ञान ने विविध उपकरणों की खोज कर मनुष्य का समय बचाया; परंतु उस समय का सदुपयोग करना नहीं सिखाया । इसलिए मनुष्य की अत्यधिक अधोगति हो गई है ।’ -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

‘प्रत्येक पीढ़ी का कर्तव्य !’

‘प्रत्येक पीढ़ी अगली पीढ़ी की ओर समाज, राष्ट्र और धर्म के संदर्भ में अपेक्षा से देखती है । इसके स्थान पर प्रत्येक पीढ़ी ने ‘हम क्या कर सकते हैं ?’, ऐसा विचार कर ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे, अगली पीढ़ी को इस संदर्भ में कुछ भी करने की आवश्यकता न रहे और वह अपना सारा … Read more

युगों युगों से संस्कृत व्याकरण वैसी ही है ।…

‘ युगों युगों से संस्कृत व्याकरण वैसी ही है । इसका कारण वह पहले से ही परिपूर्ण है । इसके विपरीत संसार की सभी भाषाओं के व्याकरण में परिवर्तन होता है ।’ -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

अधोगति को प्राप्त समाज का प्रतिबिंब कथा, नाटक, उपन्यास, चलचित्र,…

‘अधोगति को प्राप्त समाज का प्रतिबिंब कथा, नाटक, उपन्यास, चलचित्र, दूरदर्शन के धारावाहिक इत्यादि में न दिखाते हुए; इनमें समाज को दिशा दिखानेवाले आदर्श समाज का चित्रण सभी से अपेक्षित है।’ -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

प्रवचन, व्याख्यान और वर्तमान घटनाक्रम पर ग्रन्थ लिखने में जिनका…

‘प्रवचन, व्याख्यान और वर्तमान घटनाक्रम पर ग्रन्थ लिखने में जिनका जीवन व्यतीत होता है, उनका नाम और कार्य उनके जीवित रहने तक रहता है । इसके विपरीत जो शोध कार्य करते हैं उनका नाम और कार्य अगली अनेक पीढ़ियों को भी ज्ञात होता है ।’ -(परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले

घरानेशाही की न्यायव्यवस्था देनेवाला लोकतंत्र क्या कभी न्याय देगा ?

हम जोधपुर, राजस्थान के एक अधिकक्ता से भेंट करने गए थे । उस समय उन्होंने हमें न्यायाधीश के विषय में किए गए एक सर्वेक्षण की जानकारी दी । उन्होंने कहा कि लगभग ३५० से अधिक न्यायाधीश ऐसे हैं कि जिनकी दो-तीन पीढियां न्यायाधीश अथवा न्यायालय से संबंधित उच्च पदों पर है । यह कोई योगायोग … Read more