हिन्दुत्वनिष्ठोंका परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के प्रति कृतज्ञताभाव

श्री. नितीन सोनपल्ली, मध्यप्रदेश

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी से भेंट होने के कारण धर्मकार्य करने की प्रेरणा मिली ! परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी से भेंट होने के कारण धर्मकार्य करने की प्रेरणा मिली !  प्रथम अधिवेशन में आया, तब परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी से भेंट होने से धर्मकार्य करने की प्रेरणा मिली । आश्रम का नियोजन, अनुशासन देखने को मिला । आश्रम में आकर शांति की अनुभूति हुई । जब निराशा आती है तब गुरुदेवजी के शब्दों का स्मरण होता है, भगवान श्रीकृष्ण ही कार्य करवाते हैं । भगवान इसका फल अवश्य देंगे । प्रतिवर्ष हमारे कुछ कार्यकर्ताआें को हिन्दू अधिवेशन के लिए भेजता हूं । अधिवेशन में आकर उनमें परिवर्तन होता है । कार्यकर्ताआें का अध्यात्म से परिचय होता है । वहां आकर साधना से विचारक्षमता बढती है । इस कारण कार्य को सफलता मिलती है ।

 

डॉ. नील माधव दास

डॉ. नील माधव दास का परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले जी के प्रति भावडॉ. नील माधव दास का परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले जी के प्रति भाव उद्बोधन सत्र में डॉ. नील माधव दास ने मार्गदर्शनाला प्रारंभ करते समय कहा परात्पर गुरु श्री श्री जयंत बाळाजी आठवलेजी के चरणों में नमस्कार कर मार्गदर्शन आरंभ करता हूं । तदुपरांत उन्होंने उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों का मार्गदर्शन किया ।

 

अधिवक्ता श्री. रवींद्र घोष

बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुआें के लिए हम कार्य कर रहे हैं, उसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति हमें समर्थन और प्रेरणा दे रही है । उनकी शुभकामनाएं सदैव हमारे साथ हैं । परात्पर गरु डॉ. आठवलेजी के आशीर्वाद भी हमें प्राप्त हैं ।

 

अधिवक्ता श्री. अमृतेश एन.पी.

मार्गदर्शन करते हुए वे बोले, गत ३ वर्षों से मैं हिन्दू जनजागृति समिति के संपर्क में हूं । उससे पूर्व मैं गत २५ वर्ष कम्युनिस्ट पक्ष में था । वर्तमान में जब  कम्युनिस्टों में अंतर्गत चर्चा होती है, तब उनकी अनेक चर्चाआें में मेरा नाम आता है और एक दिन आपकी हत्या की जाएगी, ऐसा भी बोलते हैं । ऐसा होते हुए भी मैं  परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के कृपाशीर्वाद और हिन्दू जनजागृति समिति के  मार्गदर्शन में धर्माचरण करता हूं । इसलिए मैं साम्यवादियों की धमकियों का साहस से सामना कर रहा हूं ।

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