दशम ‘अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ के निमित्त परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश

हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को सर्वप्रथम सभी के सामने रखनेवाले सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी ने आज हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लक्ष्य से प्रेरित ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ द्वारा आयोजित 10वें ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के प्रारंभ के अवसर पर कार्यक्रम के लिए उपस्थित हिंदुत्ववादियों को दिया प्रेरक संदेश !

हिन्‍दुओ, हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के लिए ‘उपासना की शक्‍ति’ बढाइए और ‘शक्‍ति की उपासना’ कीजिए !

‘हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के उद्देश्‍य से एकत्रित हुए हिन्‍दू राष्‍ट्रवीरों को मेरा नमस्‍कार ! हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना सहज और सरल बात नहीं है । हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के कार्य में ‘मैं सहायता करूंगा’, ऐसा दृष्‍टिकोण मत रखिए, अपितु ‘यह मेरा ही कार्य है’, ऐसा दृष्‍टिकोण रखिए । ऐसा करने से ही आप हिन्‍दू राष्‍ट्र के लिए ठोस कार्य कर पाएंगे ।

हिन्‍दू राष्‍ट्र का कार्य करनेवालों को यह ध्‍यान में रखना चाहिए कि, शारीरिक और मानसिक बल की अपेक्षा आध्‍यात्‍मिक बल श्रेष्‍ठ है । छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्‍वयं साधना की, उन्‍होंने युद्धकौशल सीखा, मावलों को संगठित कर बलवान शत्रुआें से लडे, उन्‍हें झुकाया और ‘हिन्‍दवी स्‍वराज्‍य’ स्‍थापित किया । आज हमें हिन्‍दू राष्‍ट्र स्‍थापित करना है, तो उनके समान ही आध्‍यात्मिक सामर्थ्‍य और हिन्‍दूसंगठन शक्‍ति इन दोनों की आवश्‍यकता है । हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के लिए साधना कर ‘उपासना की शक्‍ति’ बढाइए और हिन्‍दू संगठन करने सहित हिन्‍दुआें की सुरक्षा के लिए ‘शक्‍ति की उपासना’ भी कीजिए । ‘अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ से सर्व हिन्‍दू राष्‍ट्रवीरों को हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के लिए पूरक कार्य करने की प्रेरणा मिले’, ऐसी भगवान श्रीकृष्‍ण के चरणों में प्रार्थना है ।!’

– (परात्‍पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले, संस्‍थापक, सनातन संस्‍था (१०.५.२०२२)

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