‘बाढ का पानी घटने के पश्‍चात बरतनी आवश्यक सावधानियों’ के संदर्भ में मार्गदर्शक सूत्र : भाग ५

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सर्वत्र के नागरिकों के लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी

वर्ष २०१९ में महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के कुछ नगरों में बाढ आने पर ‘इस स्थिति में क्या करना चाहिए’, इसका ज्ञान न होने से अनेक नागरिक संकट में फंस गए । ऐसी स्थिति में नागरिक अयोग्य कृत्य कर सकते हैं अथवा अयोग्य निर्णय भी ले सकते हैं । ऐसा न हो; इसके लिए ‘बाढ के कारण घर छोडकर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर जाते समय क्या करना चाहिए ?’, साथ ही बाढ का पानी घटने के उपरांत कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए ?, इस संदर्भ में आगे मार्गदर्शक सूत्र दिए गए हैं ।

 

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१२. बाढ के कारण बाढग्रस्त क्षेत्र में स्थित घर
छोडकर अन्य सुरक्षित स्थान पर जाते समय क्या करना चाहिए ?

अ. घर छोडकर जाने की स्थिति आई, तो पहले बच्चे, महिलाएं और वयस्क व्यक्तियों को आगे भेजें ।

आ. घर की बिजली के प्रवाह का मुख्य बटन (मेन स्विच) बंद कर बिजली का प्रवाह खंडित करें । दूरचित्रवाणी संच, मिक्सर आदि बिजली के उपरणों कीपिन को ‘सॉकेट’ से निकालकर रखें ।

इ. ‘शीतकपाट (फ्रिज), धुलाईयंत्र (वॉशिंग मशीन), चलित संगणक (लैपटॉप), दूरचित्रवाणी संच आदि में पानी न जाए; इसलिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करें ।

ई. घर में स्थित लकडी की सामग्री को यथासंभव ऊंचे स्थान पर रखें । पानी में भीगकर खराब होनेवाले कागदपत्र, साथ ही मूल्यवान वस्तुएं प्लास्टिक की थैली में रखकर उन्हें अपने साथ ले जाएं ।

उ. घर के दरवाजे और खिडकियों को ठीक से बंद करें, साथ ही अलमारी के दरवाजे भी पूरे बंद करें ।

ऊ. संभवतः फ्रिज को खाली कर उसे बंद करें । रसोईघर में स्थित ‘गैस सिलिंडर’ का मुख्य बटन बंद करें ।

ए. घर में खराब होनेवाले पदार्थ (उदा. सब्जियां, फल और दूध) न रखें ।

ऐ. बाहर की नालियां जम जाने से प्रसाधनगृह के कमोड से गंदा पानी घर में आता है; इसलिए घर को बंद कर जाते समय अथवा पानी का प्रवाह बढने पर सिमेंट की बोरी में रेत भरकर उसे भारतीय शौचालय अथवा कमोड के बरतन में रखें, उससे गंदा पानी घर में नहीं आएगा ।

ओ. स्थानांतरित होते समय अपने साथ पर्याप्त कपडे तथा अन्य जीवनोपयोगी वस्तुएं ले जाएं ।

 

१३. बाढ की स्थिति में घर छोडकर जाते समय स्वयं के साथ रखने योग्य आवश्यक सामग्री

अ. मूल्यवान वस्तुएं, महत्त्वपूर्ण कागदपत्र और नगद धनराशि

आ. प्राथमिक चिकित्सा पेटी, औषधियां, मच्छर प्रतिबंधक उदबत्ती अथवा ‘ओडोमॉस’

इ. प्राणरक्षक सामग्री (लाईफ जैकेट, टायर ट्यूब इत्यादि), टॉर्च, साथ ही सीटी

ई. अपने इष्टदेवता का चित्र

उ. भ्रमणभाष और उसका चार्जर

ऊ. छाता, रेनकोट, साथ ही वर्षाऋतु में उपयोग किए जानेवाले बूट

ए. आवश्यक कपडे, साथ ही अन्य जीवनोपयोगी वस्तुएं

ऐ. सूखे खाद्यपदार्थ और पानी की बोतलें

 

१४. बाढ की स्थिति में घर से बाहर विचरते समय निम्न सावधानियां बरतें !

अ. बहते पानी में पैदल चलते न जाएं । पानी में जाना आवश्यक हो, तो जहां बहता पानी नहीं है, ऐसे स्थान से पैदल चलें । जहां हम कदम रखनेवाले हैं, वहां की भूमि मजबूत होने की आश्‍वस्तता करने हेतु लाठी का उपयोग करें ।

आ. जहां बाढ का पानी हो, वहां वाहन न चलाएं । चारपहिया वाहन की आजूबाजू में जलस्तर बढ रहा हो, तो वाहन को वहीं रखकर ऊंचे स्थान पर जाना सुविधाजनक होता है ।

इ. बारिश से सर्वत्र गीला हुआ हो, तो बिजली के खंभे को स्पर्श न करें । परिसर में पेड गिरे हों अथवा बिजली के तार टूटे हों, तो उन्हें स्पर्श न करें । दमकल और बिजली विभाग को इसकी सूचना दें । सडक पर गिरे हुए पेड-झाडियों को स्पर्श न करें; क्योंकि ऐसे पेडों पर बिजली के तार गिरे होने की संभावना होती है ।

 

१५. बाढ का पानी घटने के पश्‍चात बरतनी आवश्यक सावधानियां

अ. पानी घटना आरंभ होने पर अन्यत्र स्थानांतरित लोग अपने घर लौटने लगते हैं । जब प्रशासन हमारे क्षेत्र को पुनर्वास के लिए सुरक्षित होने की घोषणा करता है, तभी घर लौटें ।

आ. मिट्टी का घर हो, तो अनुभवी व्यक्ति से उसके सुरक्षित होने की आश्‍वस्तता कर लें ।

इ. बिजली विभाग द्वारा बिजली का उपयोग करना आरंभ करने की सूचना देने तक बिजली का उपयोग न करें । बिजली का प्रवाह आरंभ करने पर उसे बिना किसी बाधा के चालू रहने की आश्‍वस्तता करें और ३-४ दिन पश्‍चात घर के उपकरण चालू करें ।

ई. वाहन, बिजली के उपकरण, साथ ही घर की सामग्री नई हो और यदि उनका बीमा कराए जाने के कारण उनकी हानिभरपाई मिलनेवाली हो, तो बीमा प्रतिनिधि को आकर पंचनामा करने के लिए कहें (छायाचित्र ??) । ऐसा न हो सके, तो बीमा प्रतिनिधि का मार्गदर्शन लेकर हानि पहुंची वस्तुओं को समेटने से पहले उनके छायाचित्र खींचकर पंचनामा करवा लें ।

उ. सिलिंडर से गैस का रिसाव हो रहा हो, तो बिजली के प्रवाह का मुख्य बटन (मेनस्विच) बंद करें । उस समय घर का पंखा, दंडदीप आदि चालू स्थिति में हों, तो उन्हें बंद न कर चालू स्थिति में ही रखें; परंतु कोई भी बिजली का उपकरण चालू न करें, अन्यथा ‘विस्फोट’ हो सकता है ।

सिलिंडर खुले स्थान अर्थात हवा के संपर्क में रहे, ऐसे स्थान पर रखें (उदा. छज्जा) । घर में गैस की गंध फैली हो, तो बिजली का बटन न दबाएं । घर की खिडकियां और दरवाजे खोल दें । इससे घर में फैली गैस हवा के साथ बाहर निकल जाएगी ।

ऊ. घर की दीवारें, बिजली के उपकरण (पंखे, दीपदंड, धुलाई यंत्र, मिक्सर आदि), साथ ही स्विच बोर्ड के गीले होने पर बिजली का प्रवाह चालू करना अत्यंत संकटकारी है । इससे बिजली का झटका लग सकता है । घर सूख जाने के पश्‍चात तथा बिजली विशेषज्ञ द्वारा जांच करने के पश्‍चात ही बिजली का प्रवाह चालू करें ।

ए. बाढ के पानी के साथ घर में बिच्छू, सांप, मेंढक अथवा चूहे जैसे प्राणियों के आने की संभावना होती है । अतः नीचे रखी हुई, साथ ही  कचरा आदि को स्थानांतरित करें ।

ऐ. घर में कीचड हुआ हो, तो उसे स्वच्छ करते समय और वहां की सामग्री को निकालते समय पैरों में बूट डालना, हाथमोजे डालना आदि सावधानी बरतें, जिससे कीचड में कोई धारदार वस्तु (कैंची, छुरी आदि) हो, तो उससे चोट नहीं आए, साथ ही विषैले जीव-जंतुओं से भी रक्षा होगी ।

ओ. बाढ के पानी के संपर्क में आई वस्तुओं को (उदा. लकडी का फर्नीचर, कपडे, बरतन आदि का) उपयोग में लाने से पूर्व उन्हें स्वच्छ पोंछकर अथवा धोकर लें । घर में स्थित लोहे की सामग्री में (अलमारी, पलंग, आसंदियों (कुर्सियों)इत्यादि में) जंग ना लगे; इसके लिए उन्हें सूखे कपडे से पोंछ लें ।

औ. फर्श को स्वच्छ करने के लिए ‘लाइजॉल) जैसे जीवाणुनाशक रसायन का उपयोग किया जा सकता है । नीम के पत्ते और कपूर जलाकर घर में धूप दिखाएं । इससे घर का वातावरण शुद्ध होकर घर का निर्जीवीकरण होगा ।

अं. पानी को प्रतिदिन १० मिनट तक उबालकर ही पीएं । बाढ के पानी में भीगे हुए खाद्यपदार्थ न खाएं ।

क. घर में रखी औषधियां पानी लगने से गीली हुई हों, तो उनका उपयोग न करें । औषधियां सूखी हों, तभी उनका उपयोग किया जा सकता है ।

ख. आसपास के परिसर में बाढ का पानी जमने न दें ।

ग. पूजाघर में स्थित देवी-देवताओं की मूर्तियों की पूजा

पूजाघर की मूर्तियों पर पंचगव्य से (गाय का दूध, दही, घी, मूत्र और गोमय से) अभिषेक करें । तत्पश्‍चात पंचामृत (दूध, दही, घी, मध, चीनी) से मूर्तियों पर अभिषेक और जलाभिषेक कर पहले की भांति पूजा करना आरंभ करें ।

घ. पूजाघर में स्थित देवता तथा संतों के चित्रों की पूजा

इसे करने के लिए उक्त सूत्र की भांति उपचार करना आवश्यक नहीं है । सामान्य की भांति उनकी पूजा कर सकते हैं ।

आपदा के समय ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ के (National Disaster Management Authority के) हेल्पलाईन क्रमांक ०११-१०७८ से संपर्क कर मार्गदर्शन लिय जा सकता है ।

 

पाठकों का आवाहन !

बाढ की दृष्टि से यहां कुछ मार्गदर्शक सूत्र दिए गए हैं । इस विषय के परिप्रेक्ष्य में पाठकों को अन्य कुछ सूत्र सुझाने हों, तो वे निम्नांकित संगणकीय अथवा डाक के पते पर भेजें, यह अनुरोध है ! इससे समाज के सामने यह विषय प्रगाढता से रखने में सहायता मिलेगी ।

संगणकीय पता : [email protected]

डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पीन – ४०३४०१

(प्रस्तुत लेखमाला के सर्वाधिकार (कॉपीराईट) ‘सनातन भारतीय संस्कृति संस्था’ के पास सुरक्षित हैं ।)

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