रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में रिद्धि-सिद्धि सहित श्री सिद्धिविनायक का भक्तिमय वातावरण में हुआ शुभागमन !

सनातन संस्था के इतिहास में लिखा जानेवाला एक और अलौकिक भावक्षण

हिन्दू राष्ट्र के ‘शिवधनुष्य’ को उठाने आए हैं श्री सिद्धिविनायक ।

रामनाथी के सनातन आश्रम में सिद्धिविनायक की मूर्ति का शुभआगमन

रामनाथी (गोवा) – प्रत्येक शुभकार्य में आनेवाले विघ्न नष्ट करनेवाले श्री सिद्धिविनायक ! सर्व कार्य को पूर्णत्व तक ले जानेवाले श्री सिद्धिविनायक की महिमा अपरंपार है । ऐसे इन रिद्धि-सिद्धि सहित श्री सिद्धिविनायक का महाशिवरात्रि के मंगल पर्व पर रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में भक्तिमय और चैतन्यपूर्ण वातावरण में शुभागमन हुआ । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में आध्यात्मिक अडचनें दूर हों और यह धर्मकार्य पूर्णत्व को प्राप्त हो, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी पर आया महामृत्युयोग का संकट टल जाए और उन्हें दीर्घायुष्य प्राप्त हो, इसके साथ ही सर्व साधकों की रक्षा हो, इसीलिए सनातन के आश्रम में रिद्धि-सिद्धि सहित श्री सिद्धिविनायक का आगमन होना, यह सनातन संस्था के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जानेवाला एक अलौकिक भावक्षण है । श्री सिद्धिविनायक आश्रम में विराजमान होने जा रहे हैं, इसका आनंद होने के साथ-साथ अनेक साधकों के भाव में भी वृद्धि हुई है ।

शोभायात्रा में सम्मिलित सनातन संस्था के साधक

पारपतीवाडा (बांदोडा) से सायं ५.२० बजे भगवान श्री सिद्धिविनायक का जयघोष में पुष्पों से सुसज्जित वाहन से सनातन संस्था की सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ ने शोभायात्रा के आरंभ में रिद्धि-सिद्धि सहित श्री सिद्धिविनायक की मूर्ति को पुष्पहार अर्पण कर, आरती उतारी । इस अवसर पर साधक पारंपरिक वेश-भूषा और हाथ में भगवे ध्वज धारण कर शोभायात्रा में सहभागी हुए । ध्वनिक्षेपक पर श्री सिद्धिविनायक के भक्तिगीत भी लगाए गए थे ।

तदुपरांत सायं ६ बजे शोभायात्रा श्री सिद्धिविनायक की मूर्ति को लेकर आश्रम के प्रवेशद्वार पहुंची और पुरोहितों द्वारा किए शंखनाद में आश्रम में प्रवेश किया । अत्यंत शारीरिक कष्ट होते हुए भी परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने रिद्धि-सिद्धि सहित श्री सिद्धिविनायक के दर्शन लिए । स्वागत के लिए आश्रम में सनातन संस्था के संत, साधक और एस.एस.आर.एफ के साधक भी पारंपरिक वेशभूषा में भावपूर्ण नमस्कार की मुद्रा में खडे थे । तत्पश्‍चात सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ ने रिद्धि-सिद्धि सहित श्री सिद्धिविनायक का पंचोपचार पूजन किया ।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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