मुंबई, नई मुंबई एवं पालघर में श्रीरामनाम संकीर्तन अभियान

मुंबई : मुंबई, नई मुंबई एवं पालघर में श्रीरामनाम संकीर्तन अभियान चलाया गया । दादर में २ स्थानोंपर आयोजित नामजप में १७ श्रद्धालु सहभागी हुए । यहां के नामजप में धर्मशिक्षावर्ग में आनेवाली धर्मप्रेमी श्रीमती संगीता बशिरबाद ने श्री गणेशचतुर्थी के उपलक्ष्य में ५० नामपट्टिकाएं प्रायोजित कीं । परळ में १८ स्थानोंपर नामजप किया गया, जिनमें १८२ श्रद्धालु उपस्थित थे ।

 

नामजप के पश्‍चात जिज्ञासुओं द्वारा प्रश्‍न पूछकर शंकाओं का निराकरण !

घोडपदेव के कापरेश्‍वर मंदिर एवं सिद्धेश्‍वर मंदिर में एक लय में नामजप किया गया । जिज्ञासुओं ने नामजप करने से आनंद की अनुभूति होने की बात कही । इसके लिए सिद्धेश्‍वर मंदिर की व्यवस्थापक श्रीमती रश्मी भिंगार्डे का बहुमूल्य सहयोग मिला । सनातन संस्था की साधिका श्रीमती विजया मांजरेकर के निवासपर नामजप के पश्‍चात जिज्ञासुओं ने प्रश्‍न पूछकर अपनी शंकाओं का निराकरण करवाकर लिया । बालाजी सोसाईटी के कार्यालय में जप के पश्‍चात कन्नड भाषी महिलाओं ने सत्संग की मांग की ।

 

नामजप के समय जिज्ञासुओं को अनुभूतियां होना !

नालासोपारा (पूर्व) के आचोळे गांव के श्री विठ्ठल मंदिर में नामजप करते हुए भक्तगण

वरळी के ३ स्थानोंपर ४४ जिज्ञासुओं ने नामजप किया । एक दादीजी को एक स्थानपर अधिक समयतक बैठना नहीं होता था; किंतु उन्होंने पाठिका मनीषा कदम के घर में सभी जिज्ञासुओं के साथ १५ मिनट बैठकर श्रीरामजी का नामजप किया । इस जप में सहभागी एक जिज्ञासु महिला ने अपने घरपर नामजप के आयोजन की मांग की । यहां की बीडीडी चॉल में नामजप के समय कई जिज्ञासुओं को सुगंध की अनुभूति हुई ।

मीरा मार्ग के उमेळा बावन देव मंदिर में किए गए नामजप के पश्‍चात जिज्ञासुओं को चैतन्य प्रतीत हुआ । भजन मंडल की महिलाओं ने डहाणू (पूर्व) में श्रावणमास समाप्ति के पश्‍चातस सप्ताह में एक बार नामजप करने की सिद्धता दर्शाई, साथ ही एक महिला ने नामजप करनेपर हल्कापन प्रतीत होने का अनुभव बताया ।

पालघर जनपद में ८ स्थानोंपर किए गए नामजप में २०५ श्रद्धालु सहभागी थे । नालासोपारा (पूर्व) के आचोळे गांव के विठ्ठल मंदिर में नामजप के समय जिज्ञासुओं को शांति, स्थिरता और नामजप में एकाग्रता का अनुभव हुआ ।

 

पश्‍चिम मुंबई में रामनामजप संकीर्तन का उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर !

पश्‍चिम मुंबई में ५ स्थानोंपर किए गए नामजप में ७७ जिज्ञासु सहभागी थे । दहिसर के अशोकवन में स्थित शिवमंदिर में नामजप अच्छा लगने से जिज्ञासुओं ने प्रतिदिन १० मिनट नामजप करने की सिद्धता दर्शाई । गिरनार दत्त मंदिर के मालिक ने इस अभियान को अधिकाधिक दिनोंतक चलाने की इच्छा व्यक्त की । बोरीवली के वजिरा क्षेत्र में पूजा पाध्ये द्वारा संचालित निजी शिक्षावर्ग में नामजप लेने के पश्‍चात जिज्ञासुओं ने कहा कि आज आपके कारण हमें रामनाम में व्याप्त आनंद का अनुभव हुआ ।

 

नामजप के कारण धर्मप्रेमी महिला की भावजागृति होना !

नामजप की भावपूर्ण पद्धति से पूर्वसिद्धता करनेवाली धर्मप्रेमी संज्योति काते की नामजप के कारण भावजागृति हुई । नामजप आरंभ होनेपर गली के कुछ बच्चों ने भी उसमें भाग लिया । दहिसर (पूर्व) के उपक्रम में २ वर्ष का एक बच्चा बहुत ही भावपूर्ण पद्धति से रामनाम का जाप कर रहा था । यहांपर उपस्थित एक मनोरोगी महिला ने नामजप से बहुत ही संतोष मिलने की बात कही ।

 

छात्रों का भी मार्गदर्शन !

वाल्या से वाल्मिकि कैसे बनें ?, माता-पिता को मम्मी-पापा न बोलकर मां-पिताजी क्यों कहना चाहिए ?, एकत्रित नामजप का क्या महत्त्व है ? आदि के संदर्भ में सनातन संस्था की साधिका श्रीमती सुलभा सोनावणे ने उनके निजी शिक्षावर्ग में आनेवाले छात्रों को जानकारी दी । तब ये छात्र एकाग्रता से विषय सुन रहे थे ।

 

नई मुंबई एवं मध्य मुंबई के उपक्रमों का भी उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर !

नई मुंबई के ७ स्थानोंपर नामजप किया गया । इसमें १०६ जिज्ञासु उपस्थित थे । नेरूळ के देवाडिगा भवन में ५० जिज्ञासुओं ने नामजप किया । इसके साथ ही सनातन संस्था की साधिका श्रीमती रागिनी सालियन के निवासपर प्रत्येक मास के दूसरे शनिवार नामजप करने का नियोजन किया गया है । कोपरखैरणे के सेक्टर ४ के वरदविनायक मंदिर में नामजप में सहभागी कल्पना गोळे ने अगली बार १० जिज्ञासुओं को साथ लेकर आने की सिद्धता दर्शाई ।

मध्य मुंबई के २८ स्थानोंपर किए गए नामजप में ३११ जिज्ञासु सहभागी थे । भांडुप गांव में रहनेवाले कलावती माताजी के भक्त श्रीमती मटकर के घर में नामजप के समय श्रीरामजी का चित्र और फलक देखकर इस कार्य की प्रशंसा की ।

नाहूर में नामजप के लिए आईं महिलाओं ने बताया कि नामजप करवाकर लेने से वह एक लय में हुआ और उससे बहुत आनंद का अनुभव हुआ । मुलुंड की धर्मप्रेमी श्रीमती शकुंतला कराड के घर नामजप में आईं महिलाओं ने श्री गणेशजी की मानसपूजा कैसी करनी चाहिए, यह पूछकर लिया ।

विक्रोळी में नामजप के पश्‍चात २५ जिज्ञासुओं को साधना का महत्त्व विशद किया गया ।

कुछ जिज्ञासुओं ने धर्मशिक्षावर्ग के आयोजन के संदर्भ में चर्चा भी की । मुलुंड (पूर्व) के गांधीनगर के श्रीराम मंदिर में नामजप के समय ५-६ वर्ष के कु. कुशल हेगडे ऊंचे स्वर में और एकाग्रता से नामजप कर रहा था ।

 

नामजप में सहभागी होने से तनावग्रस्त युवक के मन से आत्महत्या के विचार दूर हो जाना !

नायगाव के नामजप में लगभग २६ वर्ष का एक युवक सहभागी था । नामजप के पश्‍चात उसने कहा कि पिछले २ दिनों से मैं बहुत ही तनाव में था और आत्महत्या के विचारतक आ पहुंचा था; किंतु इस नामजप के कारण मेरे मन में विद्यमान आत्महत्या के विचार दूर हुए । मन के नकारात्मक विचार दूर होकर मन स्थिर एवं शांत हुआ । मुझे अंतर्मन से जो संतोष मिला है, उसका मैं शब्दों में वर्णन नहीं कर सकता । इस समय सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की ध्वनि में रामनाम का जाप सुनकर उसने यह प्रतिक्रिया दी कि मैने इससे पहले ऐसा स्वर कभी नहीं सुना था । इसी नामजप में उपस्थित एक व्यक्ति ने अपनी अनुभूति बताते हुए कहा कि मैं नियमितरूप से रामरक्षास्तोत्र और हनुमानस्तोत्र का पाठ करता हूं; किंतु इतने वर्षों में मुझे भावपूर्ण पद्धति से आंखें मूंदना भी संभव नहीं हुआ था । इस नामजप को सुनते ही एकाग्रता के कारण मेरी आंखे मूंद गईं और मुझसे भावपूर्ण नामजप हुआ ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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