रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में सौरयाग संपन्न !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को स्वास्थ्यपूर्ण दीर्घायु प्राप्त हो, हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य
में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों; इसका लिया संकल्प !

 

सौरयाग हेतु संकल्प लेती हुईं सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी एवं सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी तथा बाजू में पौरोहित्य करते हुए पुरोहित श्री. सिद्धेश करंदीकर

 

रामनाथी (गोवा) : भृगु महर्षिजी की आज्ञा के अनुसार ५ मई २०१९ को यहां के सनातन आश्रम में सौरयाग किया गया । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी एवं सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने श्री सूर्यदेवजी की कृपा होकर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को स्वास्थ्यपूर्ण दीर्घायु प्राप्त हो, हिन्दू राष्ट्र स्थापना; इन संकल्पों को लेकर भृगु महर्षिजी की आज्ञा के अनुसार आरंभ सौरयागों की ५ मई २०१९ को समापन हुआ ।

सौरयाग के संकल्प के पश्‍चात सौरसूक्त का भी पाठ किया गया । सौरसूक्त में सूर्यदेवता की स्तुति और कार्य का वर्णन किया गया है । इस याग में समिधा, घी एवं चरू (चावल) की आहुति दी गई । सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ एवं सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने अष्टदिक्पाल अर्थात इंद्र, अग्नि, यम, निऋति, वरुण, वायु, सोम एवं ईशान के पूजन किए । पूर्णाहुति से यज्ञ का समापन किया गया । सनातन के साधक-पुरोहित श्री. दामोदर वझेगुरुजी के साथ श्री. सिद्धेश करंदीकर ने याग का पौरोहित्य किया।

 

पृथ्वीपर स्थित जीवसृष्टि का नियमन करनेवाले श्री सूर्यदेव !

नवग्रहों में सूर्य प्रमुख देवता हैं । जिस प्रकार से श्रीविष्णु ब्रह्मांड का नियमन करते हैं, उसी प्रकार से सूर्यदेव पृथ्वीपर स्थित जीवसृष्टि का नियमन करते हैं; इसलिए सूर्यदेव को सूर्यनारायण भी कहा जाता है । सूर्यनारायण शरीर की ऊर्जा का भी नियमन करते हैं । सौरयाग करने का अर्थ श्री सूर्यनारायण की उपासना करना है । श्‍वसनरोग, नेत्ररोग, हृदयरोग आदि शारीरिक व्याधी (रोग) दूर होकर स्वास्थ्यपूर्ण प्राप्त हो; इसके लिए यह याग किया जाता है ।

Leave a Comment