परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा हस्तस्पर्श किए गए उनकी पादुकाओं का मंगलुरू सेवाकेंद्र में आगमन एवं प्रतिष्ठापना !

श्री महालक्ष्मी के आशीर्वाद के रूप में प्राप्त ‘श्रीं’ बीजमंत्रांकित पदक की भी की गई प्रतिष्ठापना !

गुरुपादुका एवं ‘श्रीं’ बीजमंत्रांकित पदक लेकर सेवाकेंद्र में प्रवेश करते हुए पू. रमानंद गौडाजी एवं पू. (श्रीमती) राधा प्रभुदादजीजी

मंगलुरू (कर्नाटक) : हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु अखंड चैतन्य की आपूर्ति करनेवाले तथा परात्पर गुर डॉ. आठवलेजी द्वारा भृगु महर्षिजी की आज्ञा से हस्तस्पर्श किए गए पादुकाओं का यहां के सेवाकेंद्र में चैत्र कृष्ण पक्ष नवमी अर्थात २८ अप्रैल के मंगल दिवसपर दोपहर १२ बजे आगमन हुआ । सनातन के कर्नाटक धर्मप्रसारक पू. रमानंद गौडाजी ने गुरुपादुकाएं, तो सनातन की संत पू. राधा प्रभुदादीजी ने श्रीं बीजमंत्रांकित पदक लेकर सेवाकेंद्र में प्रवेश किया । इसके पश्‍चात सेवाकेंद्र के प्रवेशद्वारापर सनातन की साधिका श्रीमती मंजुळा रमानंद गौडा ने पादुकाओं का औक्षण किया । पू. रमानंद गौडाजी ने श्री गुरुपादुका एवं श्रीं बीजमंत्रांकित पदक की पूजा-अर्चना और प्रतिष्ठापना की ।

इस अवसरपर सनातन के साधक श्री. प्रशांत हरिहर ने पौरोहित्य किया । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. गुरुप्रसाद गौडा उपस्थित थे । साथ ही इस अवसरपर विविध जनपदों से शिविर के लिए आए साधकों को भी इस अमूल्य समारोह का लाभ होने के प्रति कृतज्ञता प्रतीत हुई और सभी की भावजागृति हुई । गर्मी का ऋतु होते हुए भी इस दिन सुबह से कडी धूप नहीं थी । वातावरण शांत था और शीतलता भी प्रतीत होती थी ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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