हृदयविकार और अन्य तीव्र शारीरिक कष्टवाले साधक निम्न मंत्रजप करें !

साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण सूचना


‘जिन साधकों को हृदयविकार अथवा अन्य तीव्र शारीरिक कष्ट हो रहे हैं, वे चेन्नई के भृगु जीवनाडीवाचक श्री. सेल्वम्गुरुजी की आज्ञा के अनुसार १२.२.२०१९ तक प्रतिदिन २१ बार निम्न मंत्रजाप भावपूर्ण पद्धति से कर अधिकाधिक गुरुस्मरण करें ।

मासिक धर्म, साथ ही सूतक के समय यह मंत्रजाप न करें ।

॥ ॐ श्री अगस्त्यलोपामुद्राभ्यां नमः ॐ ॥

अर्थ : अगस्तिऋषी तथा उनकी पत्नी लोपामुद्रा को नमस्कार !

– सद्गुुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा

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