‘महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दूध का अभिषेक न कर उस दूध को अनाथों को दें’, ऐसा धर्मद्रोही आवाहन करनेवालों को अभिमान के साथ निम्न उत्तर दें !

 

आलोचना : महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शिवलिंग पर दूध का अभिषेक न कर उस दूध का अनाथों में वितरण करें !

खंडन : भगवान शिवजी को संभवतः दूध से अभिषेक करना चाहिए; क्योंकि दूध में शिवजी के तत्त्व को आकर्षित करने की क्षमता अधिक होने से दूध के अभिषेक के माध्यम से शिवजी का तत्त्व शीघ्र जागृत हो जाता है । उसके पश्‍चात उस दूध को तीर्थ के रूप में पीने से उस व्यक्ति को शिवतत्त्व का अधिक लाभ मिलता है । दूध शक्ति का प्रतीक होने से शिवलिंग पर उसका अभिषेक किया जाता है, यह इसका अध्यात्मशास्त्र है । ऐसा करने से पूजक को उसका आध्यात्मिक लाभ मिलता है । आज शिवलिंग पर दूध का अभिषेक करने पर आपत्ति जतानेवाले कल हिन्दुआें के देवतादर्शन पर भी आपत्ति जताई, तो उसमें आश्‍चर्य कैसा ? (हिन्दुआें को धर्मद्रोहियों की भूलभुल्लैया की बलि न चढते हुए धर्मशास्त्र के अनुसार ही आचरण करना ही उनके लिए, अच्छा सिद्ध होगा ।)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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