अस्थि और स्नायु तंत्र के विकारोंपर नामजप

नामजप करने से केवल विकार ही ठीक नहीं होते, अपितु विकारों से होनेवाली वेदना और दुःख सहने हेतु मनोबल और शक्ति भी मिलती है ।

निद्रा से संबंधित विकाराेंपर नामजप

नामजप में योगयागादि साधना समान कठिनता भी नहीं है । भावी संकटकाल में कभी-कभी आैषधि वनस्पतियां नहीं मिल सकेंगी; परंतु नामजप के उपचार कहीं भी आैर कभी भी किए जा सकते हैं ।

विकार-निर्मूलन हेतु नामजप

‘विकार-निमर्लून हेतु नामजप’ (३ खडं ) इस नतून ग्रथं का परिचय इस लेखांक द्वारा करवा रहे हैं । नामजप की यह पद्धति केवल संकटकाल की दृष्टि से ही नहीं, अपितु सदा के लिए भी उपयुक्त है ।

नामजप के साथ मुद्रा करने का महत्त्व

पंचतत्त्वों का असंतुलन दूर करने के लिए नामजप के समान ही मुद्रा भी उपयुक्त है । मुद्राआें का ही न्यास किया जाता है । नामजप के साथ मुद्रा तथा न्यास करने पर उपचारों का लाभ अधिक होता है ।