क्षात्रधर्म साधना का अर्थ हिंसक कार्यवाहियां नहीं !

२७ सितंबर को दैनिक लोकसत्ता में श्रीकांत पटवर्धन द्वारा लिखित सनातन की विचारप्रणाली और हिंसा, यह लेख प्रकाशित हुआ । इस लेख में सनातन संस्था के क्षात्रधर्म साधना नामक ग्रंथ के संदर्भों के आधारपर सनातन संस्था को हिंसक विचारधारा की संस्था ठहराने का प्रयत्न किया गया ।

जोधपूर (राजस्थान) के हिन्दू संगठनोंद्वारा राष्ट्रप्रेमी सनातन संस्था को समर्थन !

कॉ. गोविंद पानसरे की हत्या के प्रकरण में पुलिस तंत्र किसी भी दबाव में आए बिना जांच करे तथा राष्ट्र्रप्रेमी सनातन संस्था को बलि का बकरा न बनाया जाए तथा शासन संभावित प्रतिबंध के विरोध में ठोस भूमिका ले इन मांगों हेतु हिन्दू संगठनोंद्वारा ज्ञापन दिया गया ।

‘सनातन संस्था ब्राह्मणवादी तथा मनुवादी है’, इस आरोपोंका खण्डन करें ! – पू. संदीप आळशी

सनातन के साधकों एवं हितचिंतकों, कॉ. पानसरे हत्त्या के संदर्भ में सनातन संस्था के एक साधक को आशंका के कारण बंदी बनाया गया। इसी कारण वश सनातन संस्था तथा हिन्दू धर्म के विरोधक सनातन के बारे में अपप्रचार कर उधम मचा रहे हैं।

गोविंद पानसरे की हत्या के प्रकरण में सनातन संस्था को अकारण ही फंसाया जा रहा है ! – श्री. वीरेंद्र मराठे, विश्‍वस्त, सनातन संस्था

सनातन संस्था को किसी भी राजनैतिक पार्टी का समर्थन प्राप्त ना होने के कारण सनातन संस्था को लक्ष्य बनाया जा रहा है। अन्य हिन्दूत्ववादी संगठनोंको राजनैतिक पक्षोंका समर्थन रहता है। वे किसी भी विषय पर कठोर भूमिका नहीं लेते। इस कारण राजनैतिक पक्ष उन्हें लक्ष्य नहीं बनाते – श्री. वीरेंद्र मराठे, विश्‍वस्त, सनातन संस्था