महान संत विसोबा खेचर का शिष्य नामदेव को सिखाना

एक बार संत नामदेव महाराजजी से पांडुरंग बोले, ‘‘तुम्हारे जीवन में सद्गुरु नहीं हैं । जब तक तुम पर सद्गुरु की कृपा नहीं होती, तब तक तुम्हें मेरे निराकार सत्य स्वरूप की पहचान नहीं होगी । तुम विसोबा खेचर से जाकर मिलो । वे महान सत्पुरुष हैं । वे तुम्हें दीक्षा देंगे ।

संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज एवं संत नामदेव !

संत नामदेव समान प्रिय भक्त की संगत (सत्संग) सभी को मिले; इसलिए ज्ञानेश्वर महाराजजी ने स्वयं पंढरपुर में आकर नामदेव की भेंट ली और वे उनके साथ तीर्थयात्रा के लिए निकले ।

मनुष्यजन्म का सार्थक करने का उपदेश देनेवाले संत नामदेवजी के अभंग (भक्तिगीत)

श्रीविठ्ठलजी की अनन्यभाव से भक्ति करनेवाले भक्तशिरोमणि संत नामदेव महाराज ! उनके स्मृतिदिवस के उपलक्ष्य में पंढरपुर के उनके निवास में स्थित विठ्ठलजी की भूर्तियों का भावपूर्ण दर्शन करेंगे ।

भगवतभक्ति का अनुपमेय उदाहरण अर्थात् संतश्रेष्ठ नामदेव महाराज !

८४ लक्ष योनियों के पश्‍चात् जीव को मनुष्य जन्म प्राप्त होता है, किंतु उस समय यदि अधिक मात्रा में चुकाएं हुई, तो पुनः फेरा करना पडता है । अतः इस जन्म में ही आत्माराम से (ईश्‍वर से) पहचान करें !