रामायण भारत की अमूल्य धरोहर एवं इतिहास है । आधुनिकतावादी चाहे कितनी ही आलोचना क्यों न करें तथा रामायण के अस्तित्व को अस्वीकार करने का प्रयास करें; परंतु रामायण काल के विविध घटनाओं के ये छायाचित्र इस इतिहास के साक्षी हैं । रामायण का काल अर्थात लाखों वर्ष प्राचीन है । उससे हिन्दू संस्कृति की महानता और प्राचीनता की प्रचीती होती है । यहां प्रमुखरूप से श्रीलंका में स्थित रामायण काल के स्थानों के दर्शन कराने का प्रयास किया गया है । यह सीतामाता के अपहरण के पश्चात उनके वहां के निवास का प्रमाण ही है।




शरयू तटपर स्थित अयोध्या मनुनिर्मित नगरी …
त्रेतायुग में श्रीरामजी ने अपनी प्रजा के साथ अयोध्या की इसी नदी में जलसमाधी ली थी, तो कलियुग में रामजन्मभूमि आंदोलन के अंतर्गत वर्ष १९९० में अयोध्या आए कारसेवकोंपर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायमसिंह यादव ने गोलाबारी के आदेश दिए । उसके पश्चात इसी नदी में कारसेवकों के शव फेंके गए थे ।
अयोध्या की रामजन्मभूमिपर एक चौपालपर विराजमान श्रीरामलला !
भारत के राजा, रावण का नाश कर श्रीलंका जीतनेवाले अवतारी प्रभु श्रीरामजी के अयोध्या के आज के स्थान की दुःस्थिती ! विगत अनेक वर्षों से श्रीरामलला इसी चौपाल में हैं । श्रीरामजी का इससे बडा अनादर और क्या हो सकता है ? हिन्दू धर्म का आस्था का केंद्र इस प्रकार से धूप, हवा और वर्षा का सामना कर रहा है, क्या यह हिन्दू समाज के लिए लज्जाप्रद नहीं है ?
जय सिया राम जय जय सिया राम