आनेवाले समय में महाराष्ट्र तथा गोवा में सरकार स्थापन करने में परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी तथा सनातन संस्था का योगदान रहेगा !

मराठी समाचारवाहिनी जय महाराष्ट्रपर
राजमंत्र कार्यक्रम में पंडित राजकुमार शर्मा की भविष्यवाणी

परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी बहुत ही सात्त्विक होने से वे आधुनिकतावादियों की हत्याआें का षड्यंत्र रच नहीं सकते, इसका स्पष्टता के साथ प्रतिपादन !

  • एक प्रख्यात ज्योतिषी द्वारा किसी खुले कार्यक्रम में परात्प गुरु डॉ. आठवलेजी के विषय में इस प्रकार से गौरवोद्गार व्यक्त किए जाना, यह उनके कार्य का गौरव ही है ! 
  • जिन्हें ज्योतिषशास्त्र रास नहीं आता, वे चाहे इस भविष्यवाणीपर विश्‍वास न करते हों; परंतु आनेवाला समय सनातन संस्था तथा परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी का निर्दोषत्व प्रमाणित करनेवाला है, इसे ध्यान में लेकर ऐसे लोग आलोचना करना बंद करें !
  • प्रतिकूल स्थिति में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के विषय में भविष्यकथन कर समाज के सामने दृढता के साथ सच्चाई रखनेवाले पंडित राजकुमार शर्मा का आभार !
  • परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी तथा अनेक संतों द्वारा बताए जाने के अनुसार वर्ष २०२३ में स्थापन होनेवाले हिन्दू राष्ट्र का प्रारंभ पहले राज्यों-राज्यों में होगा । उसके पश्‍चात संपूर्ण भारतवर्ष में और तत्पश्‍चात विश्‍व में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी । पंडित शर्मा की यह भविष्यवाणी संतों द्वारा की गई भविष्यवाणी की सत्यता को दर्शाती है !

कोल्हापुर – १ सितंबर की सायंकाल में मराठी समाचारवाहिनी जय महाराष्ट्रपर प्रसारित कार्यक्रम राजमंत्र में प्रख्यात ज्योतिषी पंडित राजकुमार शर्मा को सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के विषय में भविष्य पूछा गया । उस समय पंडित शर्मा ने भविष्यवाणी करते हुए कहा, डॉ. जयंत आठवलेजी के मुखमंडल की ओर देखनेपर उनका अत्यंत सात्त्विक होने का प्रतीत होता है । अतः उनके द्वारा डॉ. दाभोलकर, कॉ. पानसरे तथा कलबुर्गी जैसे आधुनिकतावादियों का षड्यंत्र रचा जाना असंभव है । उन्होंने लाखों लोगों को मार्गदर्शन किया है । आनेवाले समय में गोवा तथा महाराष्ट्र इन राज्यों के जनप्रतिनिधि डॉ. आठवलेजी के पास परामर्श लेने आएंगे । वास्तव में इस कार्यक्रम में निवेदक हर्षवर्धन ने पंडित शर्मा से नकारात्मक प्रश्प पूछते हुए नालासोपारा प्रकरण में बंदी बनाए गए आरोपियों का सनातन के साथ संबंध होने से डॉ. जयंत आठवलेजी का क्या होगा ?, आधुनिकतावादियों द्वारा की गई मांग के आधारपर उन्हें कब बंदी बनाया जाएगा ? तथा उसके अनुसार जयंत आठवलेजी की भविष्यवाणी क्या कहती है ?; परंतु वास्तव में पंडित शर्मा ने इन प्रश्‍नों का हर्षवर्धन की अपेक्षा से विपरीत अत्यंत सकारात्मक उत्तर देने से निवेदक हर्षवर्धन को मुंहकी खानी पडी । पंडित शर्मा द्वारा परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी के विषय में अचूक भविष्यवाणी करने से निवेदक हर्षवर्धन ने उन्हें सनातन के विषय में अपने अगले नकारात्मक प्रश्‍न नहीं पूछे ।

परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के विषय में पंडित राजकुमार शर्मा द्वारा की गई भविष्यवाणी

१. डॉ. जयंत आठवलेजी की जन्मपत्रिका का अध्ययन करने के पश्‍चात यह जानकारी मिलती है कि उनका जन्म नागोठणे (जनपद रायगढ, महाराष्ट्र) में हुआ है । (वास्तव में भी परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी का जन्म नागोठणे में ही हुआ है ! – संपादक)  मैं भी उनका हितचिंतक हूं । (उन्हें फॉलो करता हूं ।) एक सज्जन तथा डॉक्टर प्रवृत्तिवाला यह व्यक्ति धर्मरक्षा तथा धर्मसद्भावना की बातें करता है । डॉ. आठवलेजी का उग्रवाद (कट्टरवाद) के साथ कोई लेना-देना नहीं है । आप परदेपर (स्क्रीनपर) उनका मुखमंडल देखें । वे एक सज्जन व्यक्ति हैं, जिन्हें जगद्गुरु शंकराचार्यजी के आशीर्वाद प्राप्त हैं; इसलिए उनके विरुद्ध जो विविध आरोप लगाए गए हैं, वे अयोग्य हैं ।

२. मैं उनके विषय में अधिक जानकारी देते हुए यह कहता हूं कि डॉ. जयंत आठवलेजी ने वर्ष १९९९ में अपना संमोहन (हिप्नोटिजम्) का अपना व्यवसाय बंद किया था । उन्होंने लाखों रोगियों को निःशुल्क ठीक किया है । संमोहन विषय में उन्होंने बडे स्तरपर कार्यशालाएं (वर्कशॉप) लिए हैं । उस माध्यम से उन्होंने जीवन कैसे जीना चाहिए ?, जीवनशैली क्या होती है ?, इसकी शिक्षा दी । (परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने उन्हें गुरुप्राप्ति होने के पश्‍चात अर्थात वर्ष १९९३ में संमोहन चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में कार्य करना बंद किया ! – संपादक)

३. वर्ष १९९९ में उन्होंने धर्मरक्षा तथा हिन्दू धमर्र्रक्षा के लिए सनातन संस्था की स्थापना की । कुछ लोगों ने यदि उसका अयोग्य पद्धति से उपयोग किया हो, तो वे दंड के लिए पात्र हैं ।

४. डॉ. जयंत आठवलेजी जैसे व्यक्तियों को मैं मेरी परिभाषा में संत मानता हूं । दर्शक उनके मुखमंडल को ध्यानपूर्वक देखें । (तब परदेपर प.पू. डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र दिखाया जा रहा था ।) उनके मुखमंडल की ओर देखनेपर उन्होंने डॉ. दाभोलकर, कॉ. पानसरे, कलबुर्गी की हत्याआें का षड्यंत्र रचा है, ऐसा नहीं लगता । डॉ. जयंत आठवलेजी की मकर राशी है । मकर राशी एक स्थिर राशी है । (परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी को आजतक अनेक संतों द्वारा गौरवान्वित किया गया है, साथ ही नाडीज्योतिष के माध्यम से महर्षियों ने भी उनके कार्य की महिमा विशद की है । ऐसे परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी के केवल छायाचित्र को देखकर उनको संत के रूप में पहचानना, इससे पंडित शर्मा की श्रेष्ठ! – संपादक)

५. दर्शकों, एक बात ध्यान से सुनें कि जितने भी हिन्दूरक्षक हैं, उन्होंने डॉ. जयंत आठवले तथा उनकी सनातन संस्था को समर्थन व्यक्त किया है । मुझे तनिक भी ऐसा प्रतीत नहीं कि डॉ. जयंत आठवलेजी का दूर-दूरतक भी आधुनिकतावादियों की हत्याआें के साथ संबंध होगा ।

शंकराचार्य, महर्षि तथा संतों द्वारा समय-समयपर परात्पर
गुुरु डॉ. आठवलेजी के विषय में की गइ भर्विष्यवाणी तथा व्यक्त किए गए गौरवोद्गार !

१. परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी एक सत्त्वशील त्यागी तथा महान पुरुष हैं । उनका कार्य आदिशंकराचार्यजी के कार्य के जैसा है ! – पूर्वाम्नाय श्रीमद्जगद्गुुरु शंकराचार्य स्वामी निश्‍चलानंद स्वरस्वतीजी, श्री गोवर्धनमठ-पुरीपिठाधिश्‍वर, ओडिशा

२. परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा किया जा रहा कार्य जनहित का तथा राष्ट्रहित का है । उसके माध्यम से धर्म को ग्रस्त ग्लानि निश्‍चितरूप से नष्ट होगी तथा जनता को सनातन धर्म के आचरण में रूचि उत्पन्न होकर वह निश्‍चितरूप से अपने आचरण में सुधार लाएगी । – जगद्गुरु शंकराचार्य विद्याशंकरभारती, करवीरपीठ

३. जिस गुुरुदेवजी को (परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को) आदि शंकराचार्यजी के परिपूर्ण आशीर्वाद प्राप्त हैं, राष्ट्र का सिंहासन आध्यात्मिक सिंहासन बननेवाला है । उन गुरुदेवजी से कहें कि वह सिंहासन उनकी प्रतीक्षा कर रहा है । उन्हें कोईं नहीं रोक सकता । – महर्षि (पू. डॉ. ॐ उलगनाथन्जी के माध्यम से)

४. आज के विज्ञान के युग में भी परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी जैसे जगद्गुुरु अखिल विश्‍व का अज्ञान नष्ट करने के लिए ही अवतरित हुए हैं ।- प.पू. ईश्‍वरनबुवा रामदासी उपाख्य प.पू. दादा महाराज, भाळवणी, विटा, महाराष्ट्र

आजतक पंडित शर्मा द्वारा राजनीतिक गतिविधियों के विषय में की गई भविष्यवाणी सत्य प्रमाणित हुई है ।

समाचारवाहिनी जय महाराष्ट्रपर राजमंत्र यह कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है । इस कार्यक्रम में पंडित राजकुमार शर्मा को विविध राजनीतिक क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों के विषय में पूछा जाता है । तब पं. शर्मा द्वारा राजनीतिक गतिविधियों के विषय में की गई भविष्यवाणी ९९ प्रतिशत सत्य प्रमाणित हुई है । उन्होंने इससे पहले अरुण जेटली अपने पद से नीचे उतरेंगे, साथ ही गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर की शारीरिक अस्वस्थता के कारण गोवा के मुख्यमंत्रीपद का दायित्व अन्य व्यक्ति के पास जाएगा, इस प्रकार की भविष्यवाणियां की हैं ।

पंडित राजकुमार शर्मा का संक्षिप्त परिचय

पंडित राजकुमार शर्मा एक विश्‍वविख्यात ज्योतिषी हैं । अचूक भविष्यवाणी करनेवाले पंडित के रूप में राजकुमार शर्मा विख्यात हैं । वे प्रमुखता से आर्थिक, खेल, विवाह, व्यवसाय आदि विषयों की भविष्यवाणी करने में कुशल हैं । उन्हें कई बार राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तरोंपर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है । वैश्‍विक समाचारवाहिनी बीबीसी ने विश्‍व के जिन चुनिंदा ज्योतिषियों के साथ भेंटवार्ताएं की थीं, पंडित शर्मा उनमें से एक हैं । भारत की विविध समाचारवाहिनियोंपर ज्योतिषशास्त्र के विषय में उनके अनेक कार्यक्रमों का प्रसारण होता है ।

पंडित राजकुमार शर्मा का परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति विनम्र भाव !

कार्यक्रम में पंडित शर्मा ने भविष्यवाणी करते समय अपने दोनों हाथ जोडकर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को नमस्कार किया !

परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी की भविष्यवाणी करते समय पंडित राजकुमार शर्मा ने कहा, आनेवाले कुछ दिनों में गोवा तथा महाराष्ट्र राज्य में ऐसी स्थिति बनेगी कि तब डॉ. आठवलेजी तथा सनातन संस्था का इन राज्यों की सरकारों को बनाने में भी बडा हाथ (योगदान) रहेगा । इस समय उन्होंने मैं दर्शकों के माध्यम से डॉ. जयंत आठवलेजी को प्रणाम करता हूं, ऐसा कहकर विनम्रता से अपने हाथ जोडकर नमस्कार किया ।

विशेषतापूर्ण

समाचारवाहिनी जय महाराष्ट्रपर कार्यक्रम राजमंत्र में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में निवेदक हर्षवर्धन के पंडित शर्मा आज हमारे दर्शकों का क्या मार्गदर्शन करनेवाले हैं ?, ऐसा पूछा तब सबसे पहले पंडित शर्मा ने ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का नामजप कर श्रीकृष्णजी को वंदन किया । उन्होंने आगे कहा, आज जो देश मेह हाहाःकार मचा है, जिससे कि वर्षा के कारण बडा प्रलय आया है और राजनीतिक त्सुनामी आई है; इसलिए भगवान श्रीकृष्णजी से मेरी यही प्रार्थना है कि हमारे देश में शांति स्थापित होकर देश का वातावरण अच्छा बना रहे । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में श्रीकृष्णजी की उपासना आवश्यक है ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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