सनातन संस्थापर प्रतिबंध की मांग तथा हिन्दुत्वनिष्ठों के साथ की जा रही अन्यायपूर्ण कार्यवाही के विरुद्ध भिवंडी तथा कल्याण में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन !

क्या नक्सली समर्थकों को ‘विचारक’, ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ तथा हिन्दुत्वनिष्ठों
को ‘हिन्दू आतंकी’ कहना ही आज की धर्मनिरपेक्षता है ? हिन्दुत्वनिष्ठों का प्रश्‍न

कल्याण : नालासोपारा का कथित विस्फोटक प्रकरण तथा दाभोलकर हत्या प्रकरण में पिछले मास में ९ हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाया गया । इनमें से कोई भी सनातन का साधक न होते हुए भी कुछ राजनीतिक दल, तथाकथित आधुनिकतावादी, मुसलमान नेता आदि सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगाने की आधारहीन मांग कर रहे हैं, साथ ही कुछ प्रसारमाध्यम सनसनीखेज तथा दिशाभ्रम करनेवाले समाचार प्रसारित कर ‘हिन्दू आतंकवाद’ का ढोल पीट रहे हैं; परंतु दूसरी ओर कोरेगाव-भीमा प्रकरण में बंदी बनाए गए नक्सली समर्थकों को अपनी सुविधा के अनुसार संरक्षण दिया जा रहा है । यह दोहरी नीति है । हिन्दुआें के अपराध प्रमाणित हुए बिना ही उन्हें ‘हिन्दू आतंकी’ कहना तथा नक्सलियों को ‘विचारक’, ‘सामाजिक कार्यकर्ता’, ‘सामाजिक कार्यकर्ता’ आदि कहकर उनका उदात्तीकरण करना ही क्या आज की धर्मनिरपेक्षता है ?, यह प्रश्‍न उपस्थित करते हुए आधुनिकतावादी संगठन तथा झूठे समाचार प्रसारित करनेवाले प्रसारमाध्यमों की यहां संपन्न हुए आंदोलन में निंदा की गई । ९ सितंबर को कल्याण तथा भिवंडी में सायंकाल ५ से ७ बजे की कालावधि में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया ।

 

भिवंडी

भिवंडी के राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में उपस्थित धर्माभिमानी

धर्म के पक्ष में संघर्ष करनेवालों की विजय निश्‍चित है ! – प्रशांत सुर्वे, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दुआें, अब आपको किसके साथ जाना है, यह सुनिश्‍चित करने का समय आ गया है । धर्मपरायण एवं सत्यनिष्ठ सनातन संस्था के पक्ष में खडे रहना है अथवा धर्मनिरपेक्षता तथा आधुनिकतावाद का बुर्का पहनकर नक्सलियों का समर्थन करना है ? धर्म की रक्षा करनेवालों की ही धर्म अर्थात ईश्‍वर रक्षा करते हैं, धर्म के पक्ष में संघर्ष करनेवालों की विजय निश्‍चित है, इसे ध्यान में लें और सनातन संस्था के साथ दृढता के साथ खडे रहें ।

राजनेता तथा आधुनिकतावादी संगठनों के भ्रष्टाचार के प्रकरण
उजागर करने से ही सनातन संस्थापर प्रतिबंध का षड्यंत्र ! – महेश पवार, धर्माभिमानी

कोई भी राष्ट्रभक्त किसी भी प्रकार का आतंकी कृत्य नहींकरता । सनातन संस्था लोगों को धर्मशिक्षा देकर उनमें जागृति ला रही है, तो दूसरी ओर राजनेता और आधुनिकतावादी संगठनों के भ्रष्टाचार के विविध प्रकरणों को उजागर भी कर रही है । सनातन संस्थापर प्रतिबंध की मांग कर आधुनिकतावादी उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार के विरुद्ध उठाई जा रही आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं । सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगाने के इस षड्यंत्र को तोड डालने के लिए संगठित होकर विरोध करने के लिए सिद्ध हों । भिवंडी के आंदोलन में स्वामी गंभीरानंद आश्रम के श्री. विनोद मिश्रा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. त्रिलोकचंद जैन, बजरंग दल, हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था आदि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के ५० से भी अधिक कार्यकर्ता उपस्थित थे ।

क्षणिकाएं

१. पुलिसकर्मी सनातन के सत्य पक्ष को रखनेवाला विशेषांक ‘सनातन सत्यदर्शन’ मांगकर ले रहे थे ।

२. गुप्तचर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आपका हिन्दुत्व का कार्य अच्छा है; परंतु हम उस विषय में कुछ बोल अथवा कर नहीं सकते ।’’

३. निवेदनपर हस्ताक्षर करने के लिए अनेक लोग स्वयंस्फूर्ति से आगे आ रहे थे ।

 

कल्याण

कल्याण के राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में उपस्थित धर्माभिमानी

नक्सलवाद को संपूर्णरूप से नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार को
कठोर कानून बनाने की आवश्यकता ! – डॉ. उपेंद्र डहाके, कल्याण नगर उपाध्यक्ष, भाजपा

अन्वेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि लोकतांत्रिक पद्धति से चुनी गई मोदी सरकार को गिराने का, साथ ही मोदी की हत्या करने का नक्सलियों का षड्यंत्र है । ऐसे नक्सलियों को इस देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है । नक्सलियों का समर्थन करनेवाले नेता, अधिवक्ता तथा कथित विचारकों की व्यापक जांच की जाए । नक्सलवाद को संपूर्णरूप से नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार को कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है ।

पीली पत्रकारिता के कारण लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की
विश्‍वसनियता न्यून होती जा रही है !- विजय ठाकरे, पत्रकार

हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाए जानेपर ‘हिन्दू आतंकवाद’ का ढोल पीटनेवाले प्रसारमाध्यम नक्सली पकडे जानेपर उनका उल्लेख ‘तथाकथित नक्सली’ शब्द से करते हैं । समाचारवाहिनियां परिचर्चाएं आयोजित कर जिसका कोई अस्तित्व नहीं है, ऐसे हिन्दू आतंकवाद को प्रमाणित करने के लिए न्यायाधीश की भूमिका में काम करते हैं; परंतु हम यह देख रहे हैं कि यही प्रसारमाध्यम नक्सली कैसे अच्छे हैं, यह चिल्लाकर बताने का प्रयास करते हैं । इस प्रकार की पीली पत्रकारिता के कारण लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ की विश्‍वसनियता प्रतिदिन न्यून होती जा रही है ।

हिन्दू धर्मपर आघात करनेवाले प्रत्येक व्यक्ति को यह ध्यान में रखना चाहिए कि
हिन्दू धर्म ईश्‍वरनिर्मित है, इसका ध्यान रखना चाहिए ! – दयानंद पाटिल, धर्माभिमानी

हिन्दू धर्म तो आदर, प्रेम, संस्कार और संस्कृति की शिक्षा देनेवाला धर्म है; इसलिए हिन्दुआें को आतंकी कहना अनुचित है । यह प्रसारमाध्यमों द्वारा बनाया गया शब्द है । हिन्दू धर्मपर आघात करनेवाले प्रत्येक व्यक्ति को यह ध्यान में रखना चाहिए कि हिन्दू धर्म को मिटाने का उनका यह षड्यंत्र चाहे कितना भी बडा हो; परंतु हिन्दू धर्म कभी मिट नहीं सकता; क्योंकि वह ईश्‍वर द्वारा निर्मित धर्म है ।

नक्सलियों के साथ संबंध होने के आरोप में नजरबंद आरोपियों के घर जाकर उनका
समर्थन करनेवाले राजनेताआें के विरुद्ध कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ! – गणेश पवार, धर्माभिमानी

नक्सलियों के साथ संबंध होने के आरोप में बंदी बनाए गए लोगों को नजरबंद रखने का आदेश मिलनेपर भी कुछ राजनेताआें ने इन नजरबंद लोगों के घर जाकर उनसे भेंट की । यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है । इन सभी राजनेताआें के विरुद्ध भी नक्सलियों का समर्थन करने के लिए कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए ।

कल्याण के इस आंदोलन में बजरंग दल, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, भाजपा, हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था आदि संगठन सहभागी थे ।

क्षणिकाएं

१. लोग स्काईवॉकपर खडे रहकर विषय को सुन रहे थे ।

२. लोग सनातन संस्था का सत्य पक्ष रखनेवाला विशेषांक ‘सनातन सत्यदर्शन’ मांग लेकर पढ रहे थे ।

३. आंदोलनस्थलपर बडी संख्या में पुलिसकर्मी नियुक्त किए गए थे ।

४. शासन को सौंपे जानेवाले निवेदन के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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