जय महाराष्ट्र वाहिनी पर पंडित राजकुमार शर्मा की परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी एवं सनातन संस्था के विषय में भविष्यवाणी

आगामी काल में महाराष्ट्र एवं गोवा में सरकार स्थापित करने में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी एवं सनातन संस्था का योगदान रहेगा !


१ सितंबर २०१८ को सायं. जय महाराष्ट्र नामक मराठी समाचार वाहिनी के राजमंत्र कार्यक्रम में प्रख्यात ज्योतिषी पंडित राजकुमार शर्मा से सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का भविष्य पूछा गया । इस समय पंडित शर्मा ने कहा, डॉ. जयंत आठवलेजी के चेहरे की ओर देखें, तो वे अत्यंत सात्त्विक प्रतीत होते हैं । इस कारण उनका डॉ. दाभोलकर, कॉ. पानसरे और कलबुर्गी इन आधुनिकतावादियों की हत्या का षड्यंत्र रचना असंभव है । उन्होंने लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया है । उन्होंने भविष्यवाणी की, कि आगामी काल में सरकार स्थापित करने में गोवा और महाराष्ट्र राज्य के जनप्रतिनिधि डॉ. आठवलेजी से सलाह लेने आएंगे ।

वास्तव में इस कार्यक्रम में निवेदक हर्षवर्धन ने नालासोपारा प्रकरण में बंदी बनाए गए आरोपियों का सनातन से संबंध होने के कारण डॉ. जयंत आठवलेजी का क्या होगा ? आधुनिकतावादियों की मांग के अनुसार उन्हें बंदी कब बनाया जाएगा ? ऐसे में जयंत आठवले की भविष्यवाणी क्या कहती है ?, ऐसा नकारात्मक प्रश्‍न किया था ।

प्रत्यक्ष में पंडित शर्मा ने इस प्रश्‍न के एकदम विपरीत अर्थात सकारात्मक उत्तर दिया, जिससे निवेदक हर्षवर्धन दंग रह गए । एक सज्जन और डॉक्टर प्रवृत्ति का यह व्यक्ति धर्मरक्षा एवं धर्मसद्भावना की बातें करता है । डॉ. आठवलेजी का उग्रवाद से (कट्टरतावाद) कोई लेना-देना नहीं ।

एक सज्जन व्यक्ति, जिन्हें जगद्गुरु शंकराचार्य के आशीर्वाद मिले हैं, उन पर विविध स्तर के आरोप लगाए गए, यह अनुचित है । डॉ. जयंत आठवले ने वर्ष १९९९ में सम्मोहन (हिप्नोटिजम) व्यवसाय बंद किया था । उन्होंने जीवन कैसे जीएं, जीवनशैली कैसी होती है, यह सिखाया । डॉ. जयंत आठवलेजी जैसे व्यक्ति को मैं अपनी परिभाषा में संत मानता हूं । दर्शक इनका चेहरा ध्यान से देखें । (इस समय पर्दे पर प.पू. डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र दिखाया जा रहा था ।) उनके चेहरे को देखने पर उन्होंने कॉ. पानसरे, कलबुर्गी, डॉ. दाभोलकर की हत्या का षड्यंत्र रचा है, ऐसा नहीं लगता ।

यह लघुपट goo.gl/QuahoL इस लिंक पर देख सकते हैं । परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी संबंधी भविष्यकथन २० मिनट के लघुपट में ९.०५ ते १२.३० के बीच देखा जा सकता है ।

(टिप्पणी : इस मार्गिका के कुछ अक्षर कैपिटल हैं, इस ओर पाठक ध्यान दें ।)

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