दाभोलकर का वैचारिक विरोध करने के कारण ही उनकी हत्या के प्रकरण में सनातन को फंसाया जा रहा है ! – अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी, इंडिया विद विजडम ग्रुप, वाराणसी, उत्तरप्रदेश

पिछले ५ वर्षों से मैं सनातन संस्था से भली-भांति परिचित हूं । संस्था के साधक, उनका कार्य और कार्य करने की पद्धति के संदर्भ में मुझे जानकारी है । सनातन संस्कृति, सनातन धर्म, परंपरा इत्यादि बातें उनके मूल स्वरूप में संपूर्ण देश को समझ आए, इस हेतु प्रसार करना सनातन का कार्य है । उसके लिए सनातन निरंतर कार्यरत है । सनातन का कार्य संपूर्ण भारतवर्ष में पहुंचेगा, तब इस देश में पुन: रामराज्य आएगा और रामराज्य आएगा, यह निश्‍चित है । महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के डॉ. दाभोलकर द्वारा हिन्दू धर्म, संस्कृति और हिन्दू व्यवस्था को अयोग्य सिद्ध करने का प्रयास किया गया । सनातन संस्था ने उसका वैचारिक स्तर पर निरंतर विरोध किया । इसीलिए डॉ. दाभोलकर की हत्या के प्रकरण में सनातन को फंसाया जा रहा है ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Comment