हिन्दुओ, साधना से किसी भी स्थिति में आनंदित रह पाने के कारण विरोधक चाहे आसमान सर पर उठा लें, सनातन के साधक आनंदित हैं, यह जानकर आप भी साधना करो !

(कथित) आधुनिकतावादियों की हत्याआें के प्रकरण में सनातनद्वेषी और प्रसारमाध्यम आकाश-पाताल एक कर सनातन संस्था पर प्रतिबंध लाने की मांग कर रहे हैं । इन सभी प्रकरणों में सनातन संस्था के साधक और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें की अन्वेषण यंत्रणा द्वारा पूछताछ की जा रही है । इस प्रकार चारों ओर विषम स्थिति होते हुए भी सनातन के अधिकांश साधक आनंदित हैं । उनके चेहरे पर किसी भी प्रकार का तनाव अथवा भय प्रतीत नहीं होता । ऐसा होना अर्थात उनकी साधना अच्छी चलने का लक्षण है । सच्चे साधक को ईश्‍वर जो करता है, वह भले के लिए करता है, यह ज्ञात होता है । इसलिए किसी भी परिस्थिति में वह आनंदित रहता है । वर्तमान में बाह्य वातावरण के कारण जिन साधकों को तनाव आता है, उन्हें इन साधकों से सीखकर स्वयं की साधना बढाना आवश्यक है, तथा साधना न करनेवाले प्रतिकूल परिस्थिति में भी आनंदित रह सकें, इसलिए तुरंत साधना आरंभ करें और जो थोडी-बहुत साधना करते हैं, वे उसे बढाएं ।

– (परात्पर गुरु) डॉ. जयंत आठवले, सनातन संस्था

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