ईश्‍वरनिष्ठ, राष्ट्रप्रेमी तथा धर्मप्रेमी सनातन संस्था को सभी हिन्दुत्वनिष्ठों का जोरदार समर्थन !

नालासोपारा प्रकरण में गोरक्षक दल के कार्यकर्ता श्री. वैभव राऊत, साथ ही सर्वश्री शरद कळसकर तथा सचिन अंधुरे को एटीएस् तथा सीबीआई द्वारा डॉ. दाभोलकर तथा पानसरे हत्या प्रकरण में बंदी बनाए जानेपर सभी समाचारवाहिनियां तथा समाचारपत्रों में इस प्रकरण का संबंध सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति, इन संगठनों से जोडकर बडी मात्रा में इन दोनों संगठनों को अपकीर्त करनेवाले समाचार प्रसारित और प्रकाशित किए । विविध समाचारवाहिनियोंपर भी केवल सनातन को ही लक्ष्य बनाया जा रहा है; परंतु ऐसी स्थिति में भी समाज के संत, वारकरी संप्रदाय, सनातन के पाठक, हितचिंतक विज्ञापनदाता, जिज्ञासु, धर्मप्रेमी तथा हिन्दुत्वनिष्ठ सनातन के साथ दृढता के साथ खडे हैं । इस दृष्टि से सनातन के प्रति सम्मान के चलते विविध मान्यवरों द्वारा सनातन के विषय में व्यक्त किए गए अभिप्राय यहां दे रहे हैं ।

आधुनिकतावादियों के अवैध कृत्यों की भी जांच
होनी चाहिए ! – प्रमोद मुतालिक, संस्थापक-अध्यक्ष, श्रीराम सेना

हम महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकार से यह मांग करते हैं कि डॉ. दाभोलकर, कॉ. पानसरे, प्रा. कलबुर्गी तथा गौरी लंकेश इन विचारकों की हत्याआें के पीछे कौन हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है । हम इन हत्याआें का समर्थन नहीं करते; परंतु इस प्रकरण में बिना किसी आधार के हिन्दुत्वनिष्ठों की हो रही गिरफ्तारियां अयोग्य है । पानसरे तथा गौरी लंकेश के नक्सलियों के साथ संबंध थे, उसकी भी जांच होनी चाहिए । पानसरे के अधिकोष खाते में विदेशों से तथा नक्सलियों के खातों से पैसा जमा हुआ था । उनके हथियारों की खोज करने के साथ ही डॉ. दाभोलकर, पानसरे तथा गौरी लंकेश के इस प्रकार के विधिबाह्य कृत्यों की भी जांच होनी चाहिए ।

किसी की घटना में सनातन संस्था को कोई भी संबंध न होनेपर भी उन्हें ही लक्ष्य बनाया
जा रहा है ! – दीपक बैरागी, महासचिव (महाराष्ट्र प्रदेश), अखिल भारतीय वैष्णव बैरागी परिषद

हिन्दू परंपरा में देवताआें की पूजासंस्कृति का लोप हो रहा है । ऐसे में सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दू धर्म की इस खंडित परंपरा को पुनः आगे ले जाने के लिए शांति के मार्ग से प्रचार तथा प्रसार कर रही है; परंतु कुछ राजनेता जानबूझकर सनातन संस्था को अपकीर्त करने का प्रयास कर रहे हैं । बिना किसी प्रमाण के संस्था के विरुद्ध आरोप लगाए जा रहे हैं । किसी भी घटना में सनातन संस्था का कोई संबंध न होते हुए भी साधकों को कष्ट पहुंचाया जा रहा है । अतः इस माध्यम से सभी हिन्दू भाईयों से मेरा यह विनम्र अनुरोध है कि इस राजनीतिक राक्षसी वृत्ति को जड से उखाड फेंकने के लिए हम सभी सनातन संस्था के साथ निरंतर खडे रहेंगे ।

प्रकरण न्यायप्रविष्ट होते हुए भी प्रसारमाध्यम झूठी अफवाएं फैलाकर न्यायाधीश की
भूमिका में न जाएं ! – महंत मावजीनाथ महाराज, सिद्ध गरीबनाथ मठ, तुळजापुर (जनपद धाराशिव)

मैं ‘हिन्दू आतंकवाद’, इस शब्द का विरोधी हूं । यह चल रहा प्रयास मुसलमान तथा बौद्धों के मत प्राप्त करने का सर्वदलीय प्रयास हो सकता है । परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी के विषय में कहा जाए, तो हिन्दू धर्म की किसी भी संस्था के संस्थापक अपने अनुयायियों को ऐसी शिक्षा देंगे, यह कदापि असंभव है । हत्या किए गए चारों लोग हिन्दू धर्म के विरुद्ध निरंतर दुष्प्रचार के कार्य के लिए जाने जाते थे । कुछ हिन्दुआें में उनके साहित्य के प्रति तथा उनके विचारों के प्रति क्षोभ होना अस्वीकार नहीं किया जा सकता; परंतु उसके लिए केवल सनातन संस्था को दोषी मानना अनुचित होगा । मुझे ऐसा लगता है कि प्रकरण के न्यायप्रविष्ट होते हुए भी प्रसारमाध्यम झूठी अफवाएं फैलाकर न्यायाधीश की भूमिका में न जाएं, साथ ही सरकार सनातन संस्थापर प्रतिबंध न लगाए ।

सनातन संस्था निर्दोष होने से बहुसंख्यक हिन्दू सनातन
के साथ खडे रहेंगे ! – राजेश क्षीरसागर, विधायक, शिवसेना, कोल्हापुर

सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समितिपर प्रतिबंध लगाना, हिन्दुत्वपर बडा प्रहार होगा । इससे पहले डॉ. नरेंद्र दाभोलकर के हथियारों के रूप में सनातन के साधकों का नाम लिया गया; परंतु अब कोई दूसरे ही आरोपी दिखाए जा रहे हैं । यह शासन का ढोंग है । हम इसके प्रति आश्‍वस्त हैं कि हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा ऐसा कृत्य कदापि नहीं किया जा सकता । डॉ. दाभोलकर, कॉ. पानसरे, कलबुर्गी तथा गौरी लंकेश की हत्याआें के प्रकरणों में सनातन संस्था दोषी नहीं है । सनातन संस्था अध्यात्म का मार्ग बताकर साधना की शिक्षा देती है । अतः अधिकांश हिन्दू इस राष्ट्रप्रेमी और धर्मप्रेमी सनातन संस्था के साथ खडे रहेंगे ।

ऐसा कृत्य करना, सनातन का काम ही नहीं है ! – नरेंद्र पवार, भाजपा विधायक, कल्याण

मैने सनातन संस्था का कार्य बहुत निकटता से देखा है । यह संस्था धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य करनेवाली संस्था है । ऐसा कृत्य करना, उनका काम ही नहीं है । संस्था का यदि किसी भी अवैध बातों से संबंध नहीं हो, तो सनातन को बिना किसी कारण किसी प्रकरण में फंसाया न जाए । इन प्रकरणों के निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ।

सनातन संस्था के विरुद्ध चाहे कितना भी दुष्प्रचार किया जाए अथवा आरोप लगाए
जाएं; परंतु सनातन संस्था का ही विजय निश्‍चित है ! – मानव बुद्धदेव, सचिव, योग वेदांत समिति

राष्ट्र एवं धर्मनिष्ठ सनातन संस्था के विरुद्ध किया जा रहा दुष्प्रचार निंदनीय तथा उतना ही हास्यास्पद है । सूर्यपर थूकनेवाला मूर्ख होता है; परंतु सनातनपर कीचड उछालनेवालों के लिए ‘महामूर्ख’ का विशेषण भी अधूरा है । धर्म तथा कानून की कक्षा में रहकर लोगों को साधना और सेवा के लिए प्रवृत्त करना, इस प्रमुख उद्देश्य के साथ कार्यरत सनातन संस्था के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का आरोप लगाना, इसे निश्‍चितरूप से क्या कहा जाना चाहिए ? दुष्प्रचार कर रही समाचारवाहिनियों ने इस विषय में जनता का मत जान लिया । उसमें २/३ से भी अधिक लोगों ने सनातन का समर्थन किया है, शेष १/३ से अधिक लोगों में प्रसारमाध्यमों द्वारा प्रसारित किए जा रहे झूठे समाचारों के कारण अवधारणा है, तो अनेक लोग सनातन संस्था के विषय में च्चाई जानते हुए भी केवल हिन्दू धर्म तथा सनातन संस्था के विषय में पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर विरोध कर रहे हैं । सनातन संस्था के विरुद्ध चाहे कितना भी दुष्प्रचार किया जाए अथवा चाहे कितने भी आरोप लगाए जाए; परंतु सनातन संस्था का ही विजय निश्‍चित है । बादल सूर्य को केवल दूर से ही ढंक सकते हैं; परंतु वे सूर्य को खा नहीं सकते । उसी प्रकार से सनातनरूपी सूर्य को इन झूठे आरोपों के बादलों से कुछ नहीं होगा । सनातन तो सनातन ही रहेगा ।

शिवसेना सदैव ही राष्ट्र तथा धर्मकार्य करनेवाले सनातन
के साथ रहेगी ! – राजू यादव, शिवसेना, करवीर तहसीलप्रमुख, कोल्हापुर

सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दुआें का अध्यात्म, राष्ट्र तथा हिन्दू धर्मपर आधारित सत्संग एवं प्रवचनों का उद्बोधन कर धर्मशिक्षा प्रदान कर रही है । प्लास्टिक के ध्वजों का उपयोग न करना, हिन्दू देवताआें का अनादर रोकना जैसे राष्ट्रहित का कार्य कर ये दोनों संगठन युवकों को अच्छे मार्गपर ले जा रहे हैं । अतः शिवसेना सदैव ही इस प्रकार से धर्मकार्य करनेवाले सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के साथ रहेगी ।

हिन्दूविरोधी राजनेताआें ने झूठे आरोप लगाकर सनातन संस्थापर
प्रतिबंध लगाने का अभियान चला रखा है ! – बापूसाहेब ढगे, पूर्व पार्षद, सोलापुर

नालासोपारा के वैभव राऊत के घर में शस्त्रभण्डार मिलने का आरोप लगाकर महाराष्ट्र आतंकवादविरोधी दल सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति के सदस्यों के विरुद्ध अयोग्य पद्धति से कार्यवाही का अभियान चला रहा है । वास्तव में देखा जाए, तो सनातन संस्था तथा हिन्दू जनजागृति समिति अथवा अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के हाथों किसी की भी हत्या नहीं की जा सकती । एटीएस् तथा हिन्दूविरोधी राजनेताआें ने हिन्दुआें को अपकीर्त करने के लिए सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगाने का मन बना रखा है । अतः हम हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताआें के विरुद्ध की जा रही इस कार्यवाही की निंदा करते हैं । जबतक इन संदिग्ध आरोपियों को न्यायतंत्र दोषी नहीं प्रमाणित नहीं करता, तबतक हम इन निर्दोष हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताआें का समर्थन करते रहेंगे !

आधुनिकतावादियों का विषयचिंतन और साधकों का
ईश्‍वरचिंतन ! – विद्याधर नारगोलकर, अध्यक्ष, पुणे सार्वजनिक सभा, पुणे

हित की बात बोलनेवाले और सुननेवाले दुर्लभ होते हैं; परंतु आज के कथित आधुनिकतावादी उसका आचरण नहीं कर सकते और वे दूसरों की बात भी नहीं सकते । वे हित की बात बतानेवालों का विरोध करते हैं । वे स्वयं पूर्वग्रहदूषित होते हैं और दूसरों में भी अयोग्य धारणाएं उत्पन्न करते हैं, जो उचित नहीं है । अपने अहंकार को संजोनेवाला वर्ग ही ऐसा करता है । साधक और निंदकों के विचार शांति से सुनना आवश्यक होता है; परंतु समाचारवाहिनीपर आयोजित परिचर्चाआें का जो संचान करते हैं, वे लोग साधकों की बात शांति से नहीं सुनते ।

अहंकार के जाने से ही यह आततायीपन रुकेगा । आठवले गुुरुजी (सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी) समाज के लिए और राष्ट्र के लिए कार्य कर रहे हैं । वे अपने कार्य से आनेवाले संकटकाल का सभी को भान करा रहे हैं । सनातन संस्था समाज के लोगों के दोष का स्वीकार कर करुणा के साथ कार्य कर रहे हैं । आज के आधुनिकतावादियों में साधना क्या है ?, इसकी समझ ही नहीं है । वे ईश्‍वरचिंतन नहीं, अपितु केवल विषयों का ही चिंतन करते हैं । सनातन श्रद्धा से संबंधित शोध की चर्चा नहीं करता । कोई कुशल संगठक स्वयं यह सब करता है । सनातन संस्थापर प्रतिबंध लग ही नहीं सकता ।

…तो सभी राजनीतिक दल और संगठनोंपर प्रतिबंध
लगाना होगा ! – शरद पोंक्षे, वरिष्ठ अभिनेता, शिवसेना के समूहनेता

सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगाने के लिए आज मीडिया ट्राईल की जा रही है । यदि किसी ने अपराध किया हो, तो उसे दंड मिलना चाहिए । प्रतिबंध लगाने का निर्णय शासन तथा न्यायालय करेगा । न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते इस प्रकार का वक्तव्य देना उचित नहीं है और किसी संगठन के व्यक्ति ने कोई अपराध किया; इसलिए उस संगठनपर ही प्रतिबंध लगाने की मांग की जाती हो, तो सबसे पहले सभी राजनीतिक दल तथा संगठनोंपर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए; क्योंकि उनके कोई न कोई नेता अपराधों में लिप्त हैं । किसने कौनसा अपराध किया और उसे क्या दंड मिलना चाहिए, इसे सुनिश्‍चित करने के लिए न्यायालय सक्षम है ।

प्रतिदिन नए हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाकर दाभोलकर के हथियारे होने का दावा करनेवाले
अन्वेषण विभागोंपर ही प्रश्‍नचिन्ह उपस्थित होता है ! – अभिषेक दीक्षित, श्री शिवप्रतिष्ठान, हिन्दुस्थान

अन्वेषण विभाग प्रतिदिन नए हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाकर वे दाभोलकर के हथियारे होने का दावा कर रहे हैं । वास्तव में इसके कारण सीबीआई, एन्आईए तथा एटीएस् जैसी उत्तरदायी अन्वेषण विभागोंपर ही प्रश्‍नचिन्ह उपस्थित हो रहा है । शासन उनपर करोडों रुपए का व्यय कर इन सफेद हाथियों का क्यों पाल रहा है ? एक ओर शासन कहता है कि कोई अफवाएं न फैलाएं; परंतु मीडिया के माध्यम से अफवाएं फैलानेवालों के विरुद्ध वह क्या कार्यवाही करेगा ? प्रसारमाधमों द्वारा प्रसारित किए जा रहे झूठे समाचारों के कारण सनातन संस्था तथा सनातन के साधक कों व्यर्थ अपकीर्त हो गए हैं । ‘सनातन तथा श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान जैसे संगठनों का मराठा फेरी में और बकरी ईद के समय में विस्फोट कराने का षड्यंत्र था’, ऐसा समाचार प्रसारित कर ये समाचारवाहिनियां समाज में सांप्रदायित तनाव उत्पन्न कर रही हैं । इससे सनातन के साधकों की जानपर कोई संकट उत्पन्न हुआ, तो क्या उसका दायित्व मीडिया अथवा सरकार लेंगे ? वास्तव में पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा आधारस्तंभ है, ऐसा कहा जाता है; परंतु ऐसे झूठे समाचारों के कारण यह आधारस्तंभ गिरकर उससे लोकतंत्रपर संकट उत्पन्न हो रहा है ।

सहस्रों जीवों को साधना के मार्गपर लानेवाली सनातन संस्था संतों को
बनानेवाली कार्यशाला है ! – डॉ. सुरेश चिकटे, जिलाध्यक्ष, विश्‍व हिन्दू परिषद, अमरावती

सनातन संस्था विश्‍वभर में अध्यात्मप्रसार कर रही है । इस संस्था ने सहस्रों जीवों को साधनामार्ग दिखाया है । सनातन संस्था संत बनानेवाली कार्यशाला है । ऐसे आध्यात्मिक, धार्मिक तथा कट्टर हिन्दुत्व का पुरस्कार करनेवाले संगठनपर प्रतिबंध लगाने की मांग करना, तो सूर्यपर थूकने जैसा है । आज हिन्दुत्वनिष्ठों के समर्थन में खडे रहना, समस्त समाज का कर्तव्य है । मैं व्यक्तिगत रूप से सदैव आप के साथ हूं ।

सनातनपर प्रतिबंध की मांग, तो हिन्दुत्व को अपकीर्त करने का षड्यंत्र !
– आनंद दवे, पुणे नगर समन्वयक, शिवसेना तथा अखिल भारतीय ब्राह्मण महासंघ के पुणे जिलाध्यक्ष

आजकल कथित आधुनिकतावादियों द्वारा सनातनपर प्रतिबंध लगाने की फालतू मांग की जा रही है । सनातन के साधकों को देखकर तथा उनसे बात करनेपर, वे ऐसा कोई कृत्य कर सकेंगे, ऐसा तनिक भी नहीं लगता । यह हिन्दुत्वनिष्ठों को अपकीर्त करने का षड्यंत्र है । सरकार को ऐसी मांगों की अनदेखी करनी चाहिए ।

सनातन संस्थापर प्रतिबंध लगाना आधुनिकतावादी तथा विचारकों का
पाप सिद्ध होगा ! – शरद माळी, नगरप्रमुक, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, कोल्हापुर

विगत अनेक वर्षों से सनातन संस्था राष्ट्ररक्षा का कार्य कर रही है । सनातन संस्था के प्रति समाच में अच्छी भावना है । यह संस्था कोई भी विवाद नहीं उत्पन्न करती । इसके विपरीत यह संस्था विकास के मार्गपर अग्रसर है । सनातन की राष्ट्रभक्ति, सुसंस्कारित पीढी को बनाने के कार्य को देखकर तथा आध्यात्मिक ग्रंथों का वाचन करने के पश्‍चात यह संस्था कोई देशविघातक कृत्य कर सकती है, ऐसा मुझे कहीं भी प्रतीत नहीं हुआ । अतः सनातन संस्था के प्रति विश्‍वास किया जाए, अवधारणाएं नहीं । हिन्दू सनातन के प्रति विश्‍वास दिखाएं । मेरा सनातन को पूर्ण समर्थन है । संस्थापर प्रतिबंध लगाया गया, तो वह विचारक तथा आधुनिकतावादियों का पाप सिद्ध होगा । साथ ही उससे राष्ट्र की बडी हानि होकर वह अच्छे विचारों का हनन होगा । सनातन संस्था समाज में शांति फैलाकर देश की उन्नति कर रही है । बिना किसी पूर्वग्रह से सनातन संस्था का कार्य को एक बार निकटता से समझ लेना चाहिए ।

तथाकथित आधुनिकतावादी गिरोह न्यायाधीश जैसे
वक्तव्य न दे ! – संभाजी साळुंखे, जिलाप्रमुख, बजरंग दल, कोल्हापुर

देश में रहनेवो भारतीयों का न्यायतंत्र में विश्‍वास है । न्यायतंत्र जो निर्णय करेगा, उसका हम सम्मान करेंगे; परंतु तथाकथित आधुनिकतावादी गिरोह स्वयं को न्यायाधीश मानकर सनातन संस्था को दोषी प्रमाणित न करे । न्यायालय में उस पद के लिए पात्र व्यक्ति बैठे होते हैं । कौन दोषी है, इसका निर्णय न्यायालय करता है । अतः सबसे पहले सनातन संस्था दोषी न होते हुए भी, वह दोषी है, ऐसा कहकर २ समुदायों में तनाव उत्पन्न करनेवालों के विरुद्ध न्यायतंत्र कार्यवाही करे । समाज को सुजलाम् तथा सुफलाम् बनाने के लिए सभी को प्रयास करने चाहिएं । भारतीय नागरिक के रूप में आप (आधुनिकतावादी) हमें आतंकियों की पंक्ति में न बिठाएं । देशभक्त, क्रांतिकारी और आतंकी इनमें बहुत अंतर होता है । आप हमें क्रांतिकारी कहें; परंतु आतंकी न कहें । जो आतंकियों का समर्थन करते हैं, वे देशभक्तोंपर कीचड न उछालें ।

सनातनपर प्रतिबंध की मांग करनेवाले ही वास्तविक देशद्रोही हैं !

मैं विगत ३ वर्षों से सनातन का नियतकालिक साप्ताहिक सनातन प्रभात का पाठक हूं । मैं सनातन के अनेक कार्यक्रमों में उपस्थित हो चुका हूं । सनातन के साधकों में विद्यमान विनम्रता का मैने निकटता से अनुभव किया है । अतः सनातन के साधक ऐसा कृत्य कर ही नहीं सकते, अपितु ऐसा कृत्य करनेवाला सनातन का साधक हो ही नहीं सकता, यह मेरी अटल धारणा है । सनातन संस्था राष्ट्ररक्षा के संदर्भ में अनेक उपक्रम चलाती है । ऐसा होते हुए भी कुछ लोग देशद्रोह का आरोप लगाकर सनातनपर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं । मेरे मत के अनुसार ऐसी मांग करनेवाले ही वास्तविक देशद्रोही हैं ।

– श्री. महेंद्र खानविलकर, घोटकोपर (पश्‍चिम), मुंबई, सनातन प्रभात के पाठक

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