नालासोपारा में हुई घटना से तनिक भी संबंध न होते हुए परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी की अपकीर्ति करने का अत्यंत अनुचित प्रयास !

‘एबीपी न्यूज’ वृत्तवाहिनी द्वारा सनातन संस्था
को आतंकवादी संगठन सिद्ध करने का घृणास्पद प्रकार

विश्‍वभर के लाखों लोगों को योग्य साधना बताकर उनका जीवन आनंदमय बनानेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी समान संत पर अश्‍लील टीका-टिप्पणी करने का ‘एबीपी न्यूज’समान समाचार वाहिनियों का यह प्रकार सूर्य पर थूकने समान है ! अकारण ही अपकीर्ति करनेवाली ऐसी वाहिनियों पर कानूनन कार्यवाही करने हेतु सनातन संस्था अधिवक्ताआें की सलाह ले रही है !

मुंबई – ‘५ बडे शहरों पर खूनी लक्ष्य’, ‘घर में बम बनाने की फैक्टरी’, ‘दुकान में विस्फोटकों के गोदाम’, ‘हत्या के षड्यंत्र का स्पष्टीकरण’, ‘सनातन संस्था की विस्फोटक योजना’, इस प्रकार के भडकीले शीर्षक देकर ‘एबीपी न्यूज’ समाचारवाहिनीने १० अगस्त को प्रसारित किए गए समाचार में निरपेक्ष एवं त्यागी वृत्ति से अध्यात्मप्रसार करनेवाली सनातन संस्था को आतंकवादी संगठन’ प्रमाणित करने का घृणास्पद प्रकार किया है । नालासोपारा के प्रकरण से दूर-दूर तक संबंध न होते हुए भी सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले के छायाचित्र समाचार में निरंतर दिखाकर उनकी एवं सनातन संस्था की अपकीर्ति करने का अश्‍लील प्रकार इस समाचार द्वारा किया गया है । सनातन संस्था का हिन्दू राष्ट्र स्थापना का उद्देश्य जैसे बहुत बडा अपराध है, साथ ही संस्था के जालस्थल पर (वेबसाइट पर) हिन्दू धर्म के विषय में दी गई शास्त्रीय जानकारी अर्थात धर्मांधता फैलाई जा रही है, ऐसा इन समाचारों द्वारा दर्शाने का प्रयत्न हो रहा है । सनातन संस्था की ओर से स्वरक्षा प्रशिक्षण अर्थात जैसे कोई आतंकवादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ऐसा चित्र समाचार द्वारा बना कर अत्यंत ही बेबुनियादी एवं असत्य तथा एकपक्षीय समाचार ‘एबीपी न्यूज’ने दिखाए । इस द्वारा ‘एबीपी न्यूज’ इस समाचारवाहिनी की पीतपत्रकारिता उजागर हो गई है । (इस प्रकार के तथ्यहीन समाचारों को कोई जनाधार नहीं मिलता है, इसके विपरीत सनातन संस्था का अध्यात्मप्रसार का कार्य देश में शीघ्र गति से बढ रहा है, यह संस्था के कार्य की सराहना है । इस प्रकार के झूठे समाचार दिखानेवाली ‘एबीपी न्यूज’ वाहिनी पर कानूनन कार्यवाही करने हेतु सनातन संस्था अधिवक्ताआें की सलाह ले रही है ! – संपादक)

सनातन संस्था द्वारा यह स्पष्ट करने पर भी कि श्री. वैभव राऊत सनातन संस्था के साधक नहीं हैं, तब भी इन समाचारों में श्री. राऊत को सनातन का साधक बताने का प्रयास किया गया है । रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम के छायाचित्र, इसके साथ ही संस्था का जालस्थल (वेबसाइट) पर सभी के लिए उपलब्ध किए गए अध्यात्मविषयक संशोधन के छायाचित्रों को दिखा कर उसके विषय में अभ्यासहीन टिप्पणी की गई है । इस वृत्त में डॉ. दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी, गौरी लंकेश की हत्या के प्रकरण में सनातन को अपना लक्ष्य (निशाना) बनाया है । (इस प्रकरण में धर्मद्रोहियों ने निरंतर ही सर्व ओर से सनातन को लक्ष्य बनाया है; परंतु प्रत्येक समय पर न्यायव्यवस्था द्वारा किसी भी प्रकरण में संस्था को दोषी नहीं पाया है । इससे समाचार वहिनी का चरमसीमा का सनातनद्वेष ही दिखाई देता है ! – संपादक)

समाचार से तिल मात्र भी संबंध न होनेवाली बातों को
पूरी दृढता से बोलकर सनसनाते समाचार का खोखला आभास निर्माण करने का प्रयत्न !

समाचार में आगे ऐसा बताया गया है कि डॉ. आठवलेजी के चमत्कारों की कहानी संपूर्ण जगत में प्रसिद्ध है । जिस सनातन संस्था पर व्यक्तियों को संमोहित करने का आरोप किया जाता है, जिस संस्था पर पाखंड एवं अंधश्रद्धा का प्रचार करने का आरोप है, जिस संस्था में आत्मरक्षा के नाम पर सैनिकी प्रशिक्षण दिया जाता है, जो संस्था बमविस्फोट, सामाजिक कार्यकर्ताआें की हत्या के आरोप से घिरी है, वह संस्था पुन: एक बार प्रकाशज्योत में आई है । सनातन संस्था पर पुन: एक बार चौंका देनेवाला स्पष्टीकरण किया गया है । यह स्पष्टीकरण हत्या के एक भयानक षड्यंत्र का भाग है । आतंकवादविरोधी पथक द्वारा सनातन से संबंधित एक व्यक्ति के घर में ‘बम फैक्टरी’ खोली है । अन्वेषण के उपरांत आतंकवादविरोधी पथक ने जो स्पष्टीकरण दिया है, इससे संपूर्ण शहर में सनसनाहट निर्माण हो गई है’, इस प्रकार जनता के मन में भय निर्माण करनेवाले शब्दप्रयोग कर ‘एबीपी न्यूज’ने अपनी टी.आर्.पी.’ बढाने का प्रयत्न किया है ।

इस समाचार में जो स्थानीय जानकारी देने के लिए आगे आए हैं, उन्होंने वैभव राऊत का समर्थन किया है । हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य के संगठक श्री. सुनील घनवट द्वारा व्यक्त की गई प्रतिक्रियाएं छुटपुट स्वरूप में दिखाकर, शेष संपूर्ण समाचार को एकपक्षीय ढंग से प्रस्तुत किया है । इसके साथ ही वैभव राऊत सनातन के साधक नहीं हैं, तब भी सनातन संस्था उन्हें बचाने के लिए आगे आई है, इस विषय में प्रश्‍न उठाए हैं । (इस संदर्भ में अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर ने वैभव राऊत के संदर्भ में प्रसारमाध्यमों को स्पष्टरूप से अपनी भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘ये सनातन के साधक हों अथवा नहीं, जो भी हिन्दुत्व के लिए कार्य करता है, हम दृढता से उसका समर्थन करेंगे ! – संपादक)
इस समाचार में, सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के हाथ पर आए दैवीकण, उनके केश में आया सुनहरा रंग, उनके शरीर पर उभरे ‘ॐ’ के आकार के चिह्न दिखाए गए । इसे दिखाते समय सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के विविध छायाचित्र समाचार में दिखाकर उनकी एवं सनातन संस्था की अपकीर्ति करने का प्रयत्न किया गया है । (इस विषय की शास्त्रीय जानकारी संस्था के जालस्थल पर विस्तृतरूप से दी है । इसके साथ ही दैवी कणों का भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर में पृथक्करण किया गया था । आइ.आइ.टी. मुंबई द्वारा किए गए परीक्षण के अनुसार इन कणों में कार्बन, नायट्रोजन एवं ऑक्सिजन, ये घटक विद्यमान होना सिद्ध हो गया है । साधक इन कणों को ‘दैवी कण’ संबोधित करते हैं । यह संशोधनात्मक जानकारी पढने का कष्ट समाचार देनेवालों ने किया होता, तो उनके सर्व प्रश्‍नों के उत्तर मिल गए होते; परंतु जिसने सनातन संस्था एवं हिन्दू धर्म की अपकीर्ति करने का ही निश्‍चय कर लिया हो, तो उनसे यह अपेक्षा करना व्यर्थ है ! – संपादक)

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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