सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध लगाने की मांग दुर्भाग्‍यजनक

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  • विधानसभा में भाजपा विधायक मंगलप्रभात लोढा गरजे
  • रजा अकादमी पर प्रतिबंध क्‍यों नहीं लगाया जाता ?
  • ‘जो हिन्‍दू हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा !’ – विधायक मंगलप्रभात लोढा का विधानभा में नारा

 

सनातन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनेवालों का मुंह-तोड
खंडन करनेवाले विधायक मंगलप्रभात लोढा का आभार ! – श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्‍ता, सनातन संस्‍था

 

भाजपा विधायक मंगलप्रभात लोढा

मुंबई – विधानसभा के सदन में, २३ दिसंबर को कुछ सदस्‍यों ने सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध लगाने की मांग की । तब भाजपा विधायक मंगलप्रभात लोढा ने सदन में गरजते हुए यह प्रश्‍न किया कि, “राष्‍ट्रपति को आतंकी गतिविधियां चलानेवाले आतंकियों का दंड रद्द किया जाए, इस मांग का पत्र भेजनेवाले सदन के कुछ सदस्‍य ही सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, यह दुर्भाग्‍यजनक है । महाराष्‍ट्र रजा अकादमी के द्वारा फेरियां निकाले जाने पर भी रजा अकादमी पर प्रतिबंध लगाने की मांग नहीं की जाती ; इसलिए, सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध लगाने के स्‍थान पर पहले रजा अकादमी पर प्रतिबंध क्‍यों नहीं लगाया जाता ?”

 

 

वर्ष २०२१-२२ की पूरक मांगों पर हुई चर्चा में वे बोल रहे थे । इस समय, श्री. मंगलप्रभात लोढा ने सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध लगाने की मांग का जोरदार विरोध किया । साथ ही, उन्‍होंने सदन में, ‘जो हिन्‍दू हित की बात करेगा, वही देशपर राज करेगा’, यह जोरदार नारा भी लगाया ।

सनातन संस्‍था के प्रवक्‍ता श्री. चेतन राजहंस ने ‘सनातन पर प्रतिबंध की आग्रहपूर्वक मांग करनेवालों का मुंह-तोड खंडन करनेवाले’ विधायक मंगलप्रभात लोढा के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया है ।

श्री. मंगलप्रभात लोढा ने आगे कहा कि, 

१. सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध की भाषा बोलनेवालों को क्‍या कभी रजा अकादमी का स्‍मरण होता है ? सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध की मांग करनेवालों को क्‍या कभी इसका स्‍मरण होता है, कि त्रिपुरा में कोई घटना होने पर उसकी प्रतिक्रिया के रूप में देश के अन्‍य भागों में कुछ न होकर महाराष्‍ट्र के विविध स्‍थानों पर फेरियां निकाली जाती हैं । इस प्रकार से जुलूस निकालने वाले लोग रजा अकादमी और अन्‍य जिहादी संगठनों के हैं ।

२. पहले रजा अकादमी और अन्‍य जिहादी संगठनों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए ।

३. ‘गूगल’ पर ‘सनातन संस्‍था’ खोजने (सर्च) पर पहले ‘आरती’ का चित्र आएगा ; परंतु, रजा अकादमी के जालस्‍थल पर बलिदान के बोध चिन्‍ह को लात मारता हुआ चित्र दिखाई देगा । (इस समय विधानसभा के सदस्‍यों ने ‘शेम शेम’ ऐसा कहा ।) रजा अकादमी के लोगों को संरक्षण देने का काम कौन-कौन करते हैं । रजा अकादमी पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते ; परंतु, सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जाती है ।

४. मुझे एक बात पर लज्‍जा प्रतीत होती है, कि वर्ष १९९३ में हुए मुंबई बम विस्फोटों में २५७ लोग मारे गए थे । उस समय, सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने बम विस्‍फोट करनेवालों को फांसी का दंड सुनाया । इस निर्णय के कारण, आनंदित होने के स्‍थान पर कुछ लोगों ने राष्‍ट्रपति को पत्र भेजकर ‘बम विस्‍फोट के आरोपियो और दाऊद के गुंडों को क्षमा की जाए’, यह मांग की । उस समय, १२ लोगों ने यह मांग करनेवाले पत्र पर हस्‍ताक्षर किए थे । वही १२ लोग आज विधानसभा में सदस्‍य के रूप में बैठे हैं । आप उन्‍हें पहले विधानसभा से बाहर निकाल दें और उसके उपरांत ही आप ‘सनातन संस्‍था के विषय में बोलें’ (तब कुछ सदस्‍यों ने श्री. लोढा से उन १२ लोगों के नाम पूछे, तब श्री. लोढा ने ‘आप को उनके नाम ज्ञात हैं ; इसलिए, आप ही उनके नाम खोजिए’, ऐसा कहा ।)

५. मैं जो कुछ बोल रहा हूं, वह विचारपूर्वक बोल रहा हूं । वह ‘रेकॉर्ड’ पर आनेवाला है । (इस पर कुछ सदस्‍य ऊंचे स्‍वर में बोलने लगे, तब श्री. लोढा ने यह मांग करते हुए कहा, ‘विधानसभा के सभापति मुझे संरक्षण दें ।’)

६. मैं ऊंचे स्‍वर में बोलूंगा और आपको वह सुनना पडेगा । ‘जो हिन्‍दू हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा । महाराष्‍ट्र और मुंबई में रहनेवाले लोगों और उनकी संस्‍कृति का संरक्षण और सम्‍मान करने का दायित्‍व मेरा है । तो उस विषय में सदन में चर्चा की जानी चाहिए ।

७. गणेशोत्‍सव और नवरात्रोत्‍सव के समय लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया जाता है । ये त्‍योहार तो वर्ष में एक बार ही आते हैं ; परंतु, प्रति शुक्रवार पूरी सडक पर नमाज पढनेवालों को रोका नहीं जाता । इस संबंध में, उच्‍च और सर्वोच्‍च न्‍यायालयों के आदेश होते हुए भी उनका पालन नहीं किया जाता ।

८. देश की संस्‍कृति बची, तभी देश बचेगा और देश बचेगा, तभी हम बच सकते हैं । कश्‍मीर और बंगाल में जो कुछ हो रहा है, वह महाराष्‍ट्र में भी होने के लिए समय नहीं लगेगा । गृहमंत्री को संवेदनशील विषयों को गंभीरता से लेने चाहिए । छोटी-छोटी बातें हैं ; परंतु, उनके अंदर बम छिपाए हुए हैं ।

९. मुंबई में मछुवारे समुदाय का ९० प्रतिशत मुख्‍य व्‍यवसाय मछलियां बेचने का था ; परंतु, अब मछुवारे समुदाय को उससे बाहर निकलना पडा है । यह व्‍यवसाय उनके पास रहा ही नहीं है । मुंबई के १५ व्‍यवसायों को ‘विशिष्‍ट जाति’ के लोगों ने (धर्मांधों ने) अपने नियंत्रण में कर लिए हैं । आनेवाले समय में, मुंबई और संस्‍कृति को संरक्षण कैसे दिया जा सकता है, इस विषय में सरकार को विचार करना आवश्‍यक है ।

१०. मंदिर और वक्‍फ बोर्ड की भूमि हडप ली गई है । वक्‍फ बोर्ड की लगभग १० सहस्र एकर भूमि हडप ली गई है । इसके लिए समिति का गठन कर विगत १५ वर्षों में हुए घोटालों की जांच की जाए । धर्मादाय आयुक्‍तों की ओर से प्रत्येक मंदिर पर ५० प्रतिबंध लगाए जाते हैं । प्रत्‍येक बार छोटे-छोटे कामों के लिए मंदिर के न्‍यासियों को बुलाया जाता है ; परंतु, क्‍या वक्‍फ बोर्ड पर किसी का नियंत्रण है ?

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