‘एस.आइ.टी’ के खुलासे के उपरांत गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में सनातन संस्था को फंसाने का षड्यंत्र उजागर ! – श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था

गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में विशेष जांच दल (एस.आइ.टी.) ने आज बेंगलुरू में पत्रकार परिषद की । इसमें दल के प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक बी.के. सिंह ने स्पष्ट किया कि गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में सनातन संस्था का हाथ होने की जानकारी केवल प्रसिद्धि-माध्यमों में है । हमारे पास अभी तक किसी भी संस्था के विषय में कोई जानकारी नहीं है ।’ इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि हिन्दू विरोधी एवं कुछ प्रसिद्धि माध्यम जानबूझकर गौरी लंकेश हत्या में सनातन संस्था को फंसाने का तथा संस्था की बदनामी करने का प्रयत्न कर रहे हैं ।

हम सर्वप्रथम विशेष जांच दल का अभिनंदन करते हैं कि उन्होंने बिना किसी दबाव में आए, सत्य का पक्ष रखा । कोई सबूत न होते हुए तथा सनातन संस्था द्वारा स्पष्ट करने के बाद भी हिन्दू विरोधी एवं कुछ प्रसिद्धि-माध्यम पहले दिन से गौरी लंकेश हत्याकांड से सनातन का संबंध जोड रहे थे । समाज में सनातन की छवि जानबूझकर मलिन की गई । इस प्रकरण में संबंधितों पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए सनातन संस्था अधिवक्ताआें से परामर्श कर रही है ।

प्रत्यक्ष में गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में केवल हिन्दू संगठनों पर आरोप लगाने की अपेक्षा, विशेष जांच दल को निष्पक्ष जांच करने दी जानी चाहिए । गौरी की हत्या का कारण कहीं कोई आर्थिक घोटाला, नक्सलवादी संबंध तो नहीं, ऐसे विविध अंगों से जांच होनी चाहिए । महाराष्ट्र में दाभोलकर की ट्रस्ट के घोटाले उजागर हुए हैं और उनकी जांच चल रही है । इसी प्रकार कॉ. पानसरे की सहकारी संस्था में कम्युनिस्ट पार्टी के अनधिकृत 45 लाख रुपए हैं, यह सामने आ चुका है । गौरी लंकेश की हत्या के उपरांत निकाले जानेवाले बडे-बडे मोर्चे कौन प्रायोजित कर रहा है, इसकी भी जांच होनी चाहिए ।

 

 

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