सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले की वंदनीय उपस्थिति में सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव का शुभारंभ : २३ देशों से १९ हजार से अधिक भक्तों की उपस्थिति !
दीपप्रज्वलन करते समय बाए ओर से श्री. अभय वर्तक, केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक, पद्मश्री श्री सद्गुरु ब्रह्माशानंद स्वामीजी, सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, पू .(श्रीमती) कुंदा आठवले, डॉ. सुरेश चव्हाणके, पू. देवकीनंदन ठाकूरजी, गोवा राज्यके ऊर्जा मंत्री श्री. सुदीन ढवळीकर, श्री. दामू नाईक, श्री यदुवीर कृष्ण दत्त चामराज वाडियार
गोवा का सागर देखने आनेवाले लोग अब सनातन संस्था के कार्य के कारण भारतीय संस्कृति देखने आते हैं ! – डॉ. प्रमोद सावंत, मुख्यमंत्री, गोवा
गोवा शासन की ओर से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का विशेष सम्मान
फोंडा, गोवा (सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेनगरी) – पहले गोवा में लोग सागर तथा अन्य स्थल देखने आते थे; अब गोवा में सनातन संस्था का कार्य आरंभ होने पर लोग भारतीय संस्कृति और देवालय देखने गोवा आते हैं । गोवा भोगभूमि नहीं, तो देवभूमि है । सनातन संस्कृति और शंखनाद महोत्सव से यहां का अर्थतंत्र और सांस्कृतिक पर्यटन बढेगा । विगत २५ वर्षों से सनातन संस्था हिन्दू धर्म का प्रसार करने का महान कार्य कर रही है । सनातन संस्था द्वारा रचित आध्यात्मिक ग्रंथ युवकों के लिए प्रेरणादायी तथा आगामी १०० वर्षों तक मार्गदर्शक हैं । सनातन संस्था का कार्य समाज के लिए दीपस्तंभ समान है, ऐसे गौरवपूर्ण विचार गोवा राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने प्रकट किए ।
सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी का ८३ वां जन्मोत्सव एवं संस्था के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गोवा में १७ से १९ मई २०२५ की अवधि में फार्मागुडी, फोंडा स्थित गोवा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के मैदान पर ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का ऐतिहासिक आयोजन किया गया है । उसके उद्घाटन के अवसर पर वे बोल रहे थे । मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने गोवा शासन की ओर से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी को शाल-श्रीफल और उपहार भेंट कर उनका विशेष सम्मान किया । देश के संरक्षण कार्य हेतु सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के करकमलों से मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत को सहायता निधि समर्पित की गई ।
इस महोत्सव के लिए सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी और श्रीमती कुंदा जयंत आठवलेजी की वंदनीय उपस्थिति सहित २३ देशों से १९ हजार से अधिक भक्त उपस्थित हैं । प्रकृति-स्वास्थ्य उत्तम न होते हुए भी साधक और भक्तों के स्नेह हेतु महोत्सव में उपस्थित रहे सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी के दर्शन से उपस्थित साधक, हिन्दुत्वनिष्ठ भावविभोर हो उठे । महोत्सव के आरंभ में शंखनाद, गणेश वंदना और वेदमंत्रों के पाठ उपरांत मान्यवरों के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलित किया गया ।
इस अवसर पर गोवा स्थित कुंडई के दत्त पद्मनाभ पीठ के पद्मश्री सद्गुरु ब्रह्मेशानंद स्वामीजी, ‘सनातन बोर्ड’ के प्रणेता पूजनीय देवकीनंदन ठाकुर, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री. श्रीपाद नाईक, गोवा के ऊर्जा मंत्री श्री. सुदिन ढवळीकर, गोवा राज्य के समाजकल्याण मंत्री श्री. सुभाष फळदेसाई, भाजपा के गोवा राज्य के प्रदेशाध्यक्ष श्री. दामोदर नाईक, कर्नाटक स्थित मैसूर राजघराने के युवराज तथा मैसूर के सांसद श्री. यदुवीर कृष्ण दत्त चामराज वाडीयार, ‘सुदर्शन न्यूज’ के प्रधान संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस और श्री. अभय वर्तक उपस्थित थे ।
सनातन राष्ट्र की आधारशिला गोवा से स्थापित हो रही है, यह ऐतिहासिक क्षण है ! – श्रीपाद नाईक, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री
इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक बोले, ‘‘सनातन राष्ट्र की आधारशिला गोवा से स्थापित हो रही है, यह ऐतिहासिक क्षण है । छत्रपति शिवाजी महाराज व धर्मवीर संभाजी महाराज के चरणस्पर्श से गोवा भूमि पावन हुई है । गोवा में आक्रमणकारियों ने लाखों हिन्दुओं का वध किया; तथापि यहां के हिन्दुओं ने सनातन हिन्दू संस्कृति अखंड रखने का कार्य किया है । ऐसी पावन भूमि में सनातन राष्ट्र के लिए शंखनाद होना, यह शुभ संकेत है । सनातन राष्ट्र निर्माण के कार्य में गोवा के धर्मप्रेमी सनातन संस्था के साथ हैं ।’’
गोवा यह ‘बीच’ पर बैठने की नहीं, अपितु भगवान परशुराम की उपासना भूमि है ! – पू. देवकीनंदन ठाकुर
गोवा यह ‘तट’ (सागर किनारे) पर बैठने की नहीं, वरन् भगवान परशुराम की उपासना करने की भूमि है । पाकिस्तान का शासन भिक्षा मांगनेवाला है, आतंकवादी प्रशिक्षित कर दूसरों की हानि करता हैं, तो भारत में देवालय, गोशाला और वेद विद्यालय का निर्माण हो रहा है । हमारा राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र था और आगे भी रहेगा ।
हिन्दुओ, राम-कृष्ण का आदर्श रख शक्ति की उपासना करो ! – पद्मश्री ब्रह्मेशानंद स्वामी, गोवा
आजतक गोवा की समाज में जो कलुषित प्रतिमा थी, वह दूर होकर एक सात्त्विक परशुराम भूमि के रूप में गोवा की पहचान सनातन संस्था के कार्य से निर्मित हुई है । श्री हनुमान, श्रीराम, श्रीकृष्ण के हाथों में आयुध हैं । यह आयुध धर्म की रक्षा के लिए हैं । हमें शांति चाहिए । सनातन धर्म के विद्यमान रहने पर ही विश्व में विश्वास और शांति निर्मित होगी । आज हिन्दू जाग्रत न हुआ, तो आगामी दिवस हमारा नहीं रहेगा । समस्त समाज को सनातन के राष्ट्र और धर्म कार्य में सहभागी होने की आवश्यकता है । हम भी इस कार्य में सहभागी हैं । इस कार्य को हमारे भी आशीर्वाद हैं ।
राष्ट्र के सनातनत्व को अक्षुण्ण रखने हेतु ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव !’ – चेतन राजहंस
पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटन हेतु आए हिन्दुओं की उनका धर्म पूछकर हत्या की । इसलिए भारत के सम्मुख उपस्थित चुनौतियां देखीं, तो ‘सनातन धर्मियों का अस्तित्व और सनातन धर्म का संरक्षण’ अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । इसलिए सनातन धर्म को पुनर्वैभव प्रदान करने हेतु ‘शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है । यह महोत्सव धर्मभक्तों को आध्यात्मिक बल देगा, एक नवचेतना और ऊर्जा प्रदान करेगा ।
कर्नाटक स्थित मैसूर राजघराने के युवराज तथा मैसूर के सांसद श्री. यदुवीर कृष्ण दत्त चामराज वाडीयार बोले, ‘‘अध्यात्म ही हमारा सबका मूल आधार है और वही हमारे सनातन राष्ट्र की मूल अवधारणा है । सनातन राष्ट्र यह राजनीतिक सत्ताव्यवस्था न होकर आध्यात्मिक सेवाभाव से की हुई व्यवस्था है ।’’ इस अवसर पर गोवा के ऊर्जा मंत्री श्री. सुदिन ढवळीकर, भाजपा के गोवा राज्य के प्रदेशाध्यक्ष श्री. दामोदर नाईक ने अपने विचार प्रकट किए । महोत्सव के आरंभ में धर्म स्थापना के लिए १ करोड ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ इस नामजप का आरंभ किया गया ।
क्षणिकाएं :
१. इस समय ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संक्षिप्त चरित्र’ इस हिन्दी भाषा के ग्रंथ का तथा ‘ई-बुक’ का मान्यवरों के करकमलों से लोकार्पण किया गया ।
२. ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले नगरी’ के मुख्य प्रवेशद्वार का नामकरण ‘भगवान परशुराम सुवर्णद्वार’, नगरी के सात मार्गों को ‘सप्तर्षि’ के, तो तीन मुख्य बडे सभामंडपों को ‘श्रीनिवास मंडपम’, ‘श्रीदेवी मंडपम’ और ‘भूदेवी मंडपम’ ऐसे नाम दिए गए हैं । महोत्सव स्थल पर भोजन के लिए कुल १५ मंडप निर्मित किए गए हैं और उनके नाम भी देवताओं के नाम से दिए गए हैं । भगवान श्रीराम, छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा सहित गोवर्धन पर्वत उठाते हुए श्रीकृष्ण तथा अफजल खान वध के कटआउट स्थापित किए गए हैं ।
३. इस समय ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था की ओर से १ हजार वर्ष पूर्व के सोरटी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन सबको कराया गया । इस कार्यक्रम की अधिक जानकारी के लिए SanatanRashtraShankhnad.in वेबसाइट देखें !
‘सनातन राष्ट्र शंखनाद’ महोत्सव: 20 हजार लोगों की उपस्थिति में ‘सनातन राष्ट्र संकल्प धर्मसभा’
समाज को अधर्म का प्रतिकार करने के लिए तैयार करना होगा ! – प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरीजी महाराज
प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरिजी महाराज, गीता परिवार और महर्षि वेद व्यास प्रतिष्ठान के संस्थापक
फोंडा, गोवा (सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेनगरी) – केवल जप करते रहने से काम नहीं चलेगा । भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था, ‘मेरा स्मरण करो एवं युद्ध करो !’ स्वतंत्रता के पश्चात 70 वर्षों तक अपने देश पर काले अंग्रेजों का शासन था । अपना देश धर्मशाला बन गया है । अब समाज को अधर्म का प्रतिकार करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है । सनातन धर्म के आडे आनेवाले कानूनों में बदलाव करके देश में उचित कानून होने चाहिए, इस पर प्रयास करने की आवश्यकता है । सनातन धर्म के प्रसार का कार्य यह साधना, ईश्वर की उपासना है । हमें अपने व्यक्तित्व की बाजी लगाकर और संगठित होकर परमात्मा की सेवा में स्वयं को समर्पित करना चाहिए । ऐसेमें स्वर्णिम काल दूर नहीं, ऐसा मार्गदर्शन श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंद देवगिरी महाराजजीजी ने किया । इस अवसर पर देश-विदेश के 20 हजार से अधिक हिन्दू उपस्थित थे ।
सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के 83 वें जन्मोत्सव और संस्था के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गोवा अभियांत्रिकी महाविद्यालय के मैदान पर ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ आयोजित किया गया है । महोत्सव की ‘सनातन राष्ट्र संकल्प’ सभा में वे बोल रहे थे । मंच पर सनातन के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी, उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री. सतीश महानाजी, ‘सनातन बोर्ड’ के प्रणेता पू. देवकीनंदन ठाकुरजी, अखिल भारतीय आखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत पू. रवींद्र पुरी महाराजजी, आचार्य महामंडलेश्वर अनंत श्री विभूषित श्री श्री 1008 स्वामी बालकानंद गिरी महाराजजी, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, अयोध्या स्थित सिद्धपीठ हनुमान गढी मंदिर के महंत राजूदासजी महाराज, इंडोनेशिया स्थित धर्मस्थापनम् फाउंडेशन के पू. धर्मयशजी महाराज, स्वामी आनंद स्वरूप और आर्ट ऑफ लिविंग के श्री. दर्शक हाथी उपस्थित थे । इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों में सनातन संस्था की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की भी वंदनीय उपस्थिति थी ।
प.पू. गोविंददेवगिरीजी महाराजजी ने आगे कहा , ‘‘सनातन संस्था का संपूर्ण कार्य आध्यात्मिकता की नींव पर खडा है । भारत राष्ट्र को एक समझकर काम कर रहे हैं । भगवद्गीता युद्ध की भूमि पर कहा गया ग्रंथ है । सनातन संस्था ने भी इस ग्रंथ के अनुसार आध्यात्मिकता से युद्ध तक जागृति की है । मैंने इस महोत्सव में युद्धकलाओं का प्रदर्शन देखा । मुझे लगता है कि देश के सभी संतों को अपने शिष्यों को यह सिखाना चाहिए ।’’
सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए शक्ति की उपासना करें ! – सतीश महाना, विधानसभा अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश
सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए जागृति आवश्यक है । इस जागृति के लिए केवल वाणी नहीं; अपितु साहस और शौर्य भी आवश्यक है । इसके लिए प्रत्येक हिन्दू को शक्ति की उपासना करनी चाहिए । सनातन संस्कृति ने हमेशा सबका हित देखा है । तथापि कुछ पंथों में ‘अन्य धर्मियों को मारो’ ऐसी शिक्षा दी जाती है । इस विषय में हिन्दुओं में जागृति होनी आवश्यक है ।
जनसंख्या नियंत्रण कानून ही अनेक समस्याओं का उत्तर ! – अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय
देश में अल्पसंख्यकों की संख्या प्रचंड रूप से बढ रही है और हिन्दुओं की संख्या कम हो रही है । अल्पसंख्यकों की संख्या करोडों में बढ रही है, तो उन्हें अल्पसंख्यक कैसे कहा जाए ? अल्पसंख्यकों के कारण ही लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण सहित अनेक समस्याओं के हिन्दू शिकार हो रहे हैं । प्रतिदिन 10 हजार लोगों का धर्मांतरण हो रहा है । हवाला के माध्यम से पैसे की फंडिंग होने के कारण धर्मांतरण हो रहा है । घुसपैठिए सिंगापुर, चीन, अरब राष्ट्रों में घुसपैठ न करके भारत में ही क्यों आते हैं ? क्योंकि कांग्रेस द्वारा बनाए गए अनेक कानूनों के द्वारा उन्हें केवल सुविधाएं ही नहीं मिलतीं, अपितु कानूनी संरक्षण भी मिलता है । इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून ही अनेक समस्याओं का उत्तर है ।
‘सनातन राष्ट्र’ के लिए ‘धर्मदूत’ बनने का संकल्प करें ! – सद्गुरु चारुदत्त पिंगले
भारत को ‘सनातन राष्ट्र’ बनाना, यह संतों का संकल्प है । इस संकल्प को पूरा करने के लिए हमें सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा । विभीषण राम नाम जपते थे, वे श्रीराम के भक्त थे; परंतु हनुमानजी ने कहा, ‘‘केवल राम नाम लेने से प्रभु की कृपा नहीं होगी, अपितु प्रभु का कार्य करने से ही प्रभु की कृपा होगी !’’ हमें भी आज रामकाज का, अर्थात राष्ट्र और धर्म की रक्षा का कार्य करने का संकल्प करना होगा । ‘सनातन राष्ट्र’ के लिए ‘धर्मदूत’ बनने का संकल्प करना होगा !
धर्म के लिए हिन्दुओं को कट्टर होना ही होगा ! – महंत श्री राजूदासजी महाराज, अयोध्या
सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव में हिन्दुत्व की जागृति हो रही है । हिन्दुत्व बचा, तो राष्ट्र बचेगा और भारत टिका, तो विश्व बचेगा । अन्य पंथ मौज-मस्ती के लिए हैं । केवल सनातन धर्म में विश्व कल्याण की भावना है । इसलिए सनातन धर्म की रक्षा आवश्यक है । सभी संतों को धर्मरक्षा के लिए भक्तों को जागृत करना चाहिए । धर्म के लिए हिन्दुओं को कट्टर होना ही होगा ।
धर्मसत्ता और राजसत्ता के सहयोग से ही सनातन राष्ट्र की स्थापना ! – स्वामी बालकानंद गिरीजी महाराज
शंकराचार्यों की सेनावाले अखाडों पर आज तक कोई भी कब्जा नहीं कर सका है । आज हमारे हृदय में जागृति आनी चाहिए कि धर्मसत्ता और राजसत्ता के सहयोग से ही सनातन राष्ट्र की स्थापना हो सकती है ।
सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव से मुझे विश्वरूप का दर्शन हुआ है ! – श्री. सुरेश चव्हाणके
वर्ष 2008 में भगवा आतंकवाद, साध्वी प्रज्ञासिंह की गिरफ्तारी और अत्याचार, इस प्रकार हिन्दू धर्म की बदनामी चल रही थी, तब मैंने सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी से मिलकर इस पर चर्चा की थी । उस समय उन्होंने दिव्य दृष्टि से जो जानकारी दी, उसका अनुभव आज भी मुझे हो रहा है । अन्य आध्यात्मिक संगठन विज्ञान के आधार पर हिन्दुओं का मार्गदर्शन करते हैं; परंतु सनातन संस्था ब्राह्मतेज और क्षात्रतेज का ज्ञान देकर धर्मकार्य कर रही है । सच्चे अर्थों में धर्म और अध्यात्म का प्रचार कर रही है । इसलिए शंखनाद महोत्सव का आयोजन किया गया है । इस महोत्सव से मुझे विश्वरूप का दर्शन हो रहा है ।
सनातन संस्था के विचार प्रत्येक हिन्दू के मन में आएंगे, तब भारत हिन्दू राष्ट्र होगा ! – स्वामी आनंद स्वरूप
साधु-संतों के अखाडों की शौर्यगाथा और छत्रपति शिवाजी महाराज की शौर्यगाथा प्रत्येक को बतानी चाहिए । मैं सनातन के साधकों के चेहरे पर तेज देखता हूं और प्रत्येक सनातन के साधक में प.पू. डॉ. आठवलेजी को देखता हूं । सनातन संस्था के विचार प्रत्येक हिन्दू के मन में आएंगे, तब भारत हिन्दू राष्ट्र होगा ।
अगली पीढी को रामायण और गीता की शिक्षाओं से वंचित न रखें ! – पू. धर्मयशजी महाराज
हिन्दू धर्म हीरा है । इसलिए इसकी सतर्कता से रक्षा कर धर्म को आगे बढाना है । अपने बच्चे सनातन धर्म को आगे ले जाएंगे । इसलिए बच्चों को गीता और रामायण तो सिखाना ही होगा ।