राष्ट्रीय गोसेवा परिषद में सनातन संस्था द्वारा आयोजित प्रदर्शनी को केंद्रीय कृषिमंत्री श्री. पुरुषोत्तम रुपालाजी ने भेट दी !

पुणे, ६ जनवरी – गोविज्ञान संशोधन संस्था, जनमित्र सेवा संघ तथा यशोदा फाऊंडेशन के संयुक्त विद्यमान से ६ तथा ७ जनवरी को आयोजित किए गए राष्ट्रीय गोसेवा परिषद के अनावरण के समय केंद्रीय कृषिराज्यमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला वक्तव्य कर रहे थे । अपने वक्तव्य में उन्होंने यह आवाहन किया कि, ‘गोआधारित उत्पादनों का अधिकांश उपयोग करें । उससे गोपालन तथा गोवंर्धन के लिए गति प्राप्त होगी ।’ उस समय पालकंमत्री श्री. गिरीश बापट, विश्व हिन्दू परिषद के श्री. हुकुमचंद सावला, ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ अभियान के श्री. राजेंद्र फडके, परिषद के आयोजक श्री. महेंद्र देवी, श्री. मिलिंद मराठे इत्यादि मान्यवर उपस्थित थे । गोपालन, गोसंवर्धन, साथ ही गोआधारित उत्पादनों के उद्योगों को गति प्राप्त हो, इस उद्देश्य से इस राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया गया है । उस समय कामधेनु तथा गोवंश इन दो विशेषांकों का प्रकाशन किया गया ।

‘कामधेनु’ इस विशेषांक का प्रकाशन करते समय मान्यवर

श्री. रुपाला ने आगे यह वक्तव्य किया कि,

१. गौओं का वसतिगृह यह संकल्पना महाराष्ट्र में कार्यान्वित करने का विचार है । जो गौओं को प्रत्यक्ष पाल नहीं सकते, वे गौओं को दत्तक लेकर उनकी सुविधानुसार वसतिगृह में आकर गौओं से भेंट कर सकते हैं । हमारे तथा गौओं के बीच में आपसी प्रेमभाव निर्माण होना आवश्यक है ।

२. ब्राझील में गीर जाति की गौएं भारतसे ले जाकर उनकी पैदास की गई । आज भी गीर गौएं ब्राझील में सर्वाधिक मात्रा में हैं । ब्राझील की अर्थव्यवस्था के लिए  भी उसका अधिक मात्रा में लाभ हुआ है ।

३. आजकल गौएं इधर-उधर घूमते हुए दिखाई देती हैं । अच्छा प्रजनन निर्माण होने की दृष्टी से उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है । गोकुळ ग्राम मिशन के अंतर्गत गौओं का अच्छा संकर कर उत्तम गौओं की निर्मिती होगी, इसके लिए अभियान आरंभ करने का मानस है ।

पालकमंत्री गिरीश बापट ने यह वक्तव्य किया कि, ‘‘मानवजाती का हित गोहित में छुपा है । पुराना अनाज जो मद्य व्यवसाय के लिए उपयोग किया जाता है, वह गोशालाओं को देना चाहिए । गोमंत्रालय आरंभ करना सरकार के विचाराधीन है ।’’

श्री.हुकुमचंद सावला ने यह मांग की कि, ’केंद्र स्तर पर गोवंशहत्या बंदी करनी चाहिए ।’

 

गाय की जिव्हा का स्पर्श आध्यात्मिक तथा ज्योतिष दृष्टी से उपयुक्त

श्री. रुपाला ने आगे यह भी बताया कि,‘अधिकांश लोग गाय को दूर से ही चारा डालते हैं; किंतु आध्यात्मिक दृष्टी से गाय की जिव्हा का स्पर्श हमें होना महत्त्वपूर्ण है । उससे ग्रहदोष भी दूर होते हैं ।’ साथ ही श्री. हुकुमचंद सावला ने बताया कि, ‘यदि गाय अपने हाथ को स्पर्श करें, तो दोष नष्ट होते हैं ।’

 

सनातन द्वारा आयोजित प्रदर्शनी को केंद्रीय कृषिमंत्री ने भेट दी !

सनातन संस्था द्वारा आयुर्वेदिक ग्रंथ तथा सात्त्विक उत्पादनी का कक्ष आयोजित किया गया था । उसे केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री श्री. पुरुषोत्तम रुपाला ने भेट दी तथा यह अभिप्राय व्यक्त किया कि, ‘अपना कार्य अच्छा है । आयुर्वेद प्रत्येक घर में जाना आवश्यक है ।’ आयोजक महेंद्र देवी, समर्थभक्त मंदारबुवा रामदासी, सूचना सेवा समिति के श्री. चंद्रकांत वारघडे इत्यादि मान्यवरों ने भी कक्ष को भ्रमण किया । कार्यक्रम स्थल पर पंचगव्य, गोआधारित अन्य संस्थाओं की उत्पादनी की भव्य प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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