वर्ष २०२१ में आनेवाले गुरुपुष्यामृत योग की विशेषताएं !

वर्ष २०२१ में आनेवाले गुरुपुष्यामृत योग के विषय में महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग की प्रमुख और ज्योतिष फलित विशारद श्रीमती प्राजक्ता जोशी द्वारा बताई विशेषताएं !

 

१. ‘गुरुपुष्यामृत योग’ क्या है ?

गुरुवार को पुष्य नक्षत्र आने से ‘गुरुपुष्यामृत योग’ होता है । इस दिन ‘सुवर्ण खरीदना और शुभकार्य करना’, ऐसा करने की प्रथा है । सर्व लौकिक अथवा व्यवहारिक कार्य के लिए यह योग शुभ माना जाता है । यह योग एक वर्ष में लगभग ३ अथवा ४ बार आता है ।

 

२. वर्ष २०२१ में गुरुपुष्यामृत योग

इस वर्ष ५ गुरुपुष्यामृत योग हैं । उनकी तिथि और कालावधि आगे दिए अनुसार है ।

श्रीमती प्राजक्ता जोशी

अ. पौष पूर्णिमा (२८.१.२०२१) : सूर्योदय से उत्तररात्रि ३.५० तक

आ. माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (२५.२.२०२१) : सूर्योदय से दोपहर १.१७ तक

इ. भाद्रपद कृष्ण पक्ष नवमी (३०.९.२०२१) : उत्तररात्रि १.३३ से अगले दिन सूर्योदय तक

ई. अश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी (२८.१०.२०२१) : सवेरे ९.४१ से अगले दिन सूर्योदय तक

उ. कार्तिक कृष्ण पक्ष षष्ठी (२५.११.२०२१) : सूर्योदय से सायं. ६.४९ तक

 

३. वर्ष २०२१ में गुरुपुष्यामृत योग की विशेषताएं !

अ. ३०.९.२०२१ का गुरुपुष्यामृत योग सूर्यास्त के उपरांत आरंभ होकर सूर्योदय को समाप्त होगा । सूर्यास्त के उपरांत होने से यह योग बहुत लाभदायक नहीं ।

आ. इस वर्ष होनेवाले प्रथम चार गुरुपुष्यामृत योगों में गुरु ग्रह मकर राशि में होनेवाला है । (मकर राशि में गुरु ग्रह होना, अर्थात गुरु ग्रह उससे निचली राशि में होना ।) सुवर्ण खरीदने के लिए यह गुरुपुष्यामृत योग बहुत लाभदायक नहीं । इस काल में शारीरिक कष्ट और आर्थिक मंदी के संकट होने की संभावना है ।

यह सर्व गुरुपुष्यामृत योग साधना के लिए अनुकूल है; क्योंकि गुरु ग्रह मकर राशि में होते हुए आध्यात्मिक कष्ट होने की संभावना अधिक होती है । इसके लिए साधकों को गुरुपुष्यामृत योग पर सुवर्ण खरीदने की अपेक्षा अधिकाधिक साधना करना आवश्यक है । अपने जीवन का सोना करने के लिए गुरु का आज्ञापालन कर अष्टांग साधना का शुभकार्य करने का प्रयत्न करेंगे ।

– श्रीमती प्राजक्ता जोशी, ज्योतिष फलित विशारद, वास्तु विशारद, अंक ज्योतिष विशारद, रत्नशास्त्र विशारद, अष्टकवर्ग विशारद, सर्टिफाइड डाउसर, रमल पंडित, हस्ताक्षर मनोविश्लेषण शास्त्र विशारद, महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय, फोंडा, गोवा.

Leave a Comment