चैतन्यदायी गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सहस्त्रो लोगों ने अनुभव किया गुरुपरंपरा की महानता !

सनातन संस्था तथा समविचारी संगठनों द्वारा भारत में ९६ स्थानों पर मनाया गया गुरुपूर्णिमा महोत्सव !

मुंबई – भारत को विश्‍वगुरुपद पर विराजमान करने की क्षमता रहनेेवाली गुरु-शिष्य परंपरा का गौरवदिन अर्थात् गुरुपूर्णिमा ! आषाढ पूर्णिमा के दिन अर्थात् व्यासपूर्णिमा के मंगलदिन पर सहस्त्रों गुना अधिक मात्रा में कार्यरत रहनेवाली गुरुकृपा का वर्षाव प्रत्येक व्यक्ति को उसके गुरुप्रति होनेवाले भाव के अनुसार आत्मिक बल प्रदान करता है ! गुरुपूर्णिमा का चैतन्य समाज के सर्वाधिक लोगों तक पहुंचकर वह वृद्धिगंत हो, इस हेतु से सनातन संस्था, हिन्दु जनजागृति समिति तथा समविचारी संगठनों द्वारा ९ जुलाई के दिन भारत में ९६ गुरुपूर्णिमा महोत्सवों का आयोजन किया गया था ।

सनातन के साधक, सांप्रदायिक, श्रद्धालु, हिन्दु जनजागृति समिति के कार्यकर्ता,धर्माभिमानी, सनातन प्रभात नियतकालिकों के वाचक, विज्ञापनदाता, साथ ही हितचिंतक तथा जिज्ञासुओं ने पृथक स्थानों पर इस महोत्सव का लाभ ऊठाकर गुरु प्रति कृतज्ञता के भावसुमन अर्पण किए ।

गुरुपूर्णिमा महोत्सव में गुरुपूजन, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के संदेश का वाचन, हितचिंतक तथा गुणवंत छात्रों का आदर किया गया । साथ ही ‘हिन्दु राष्ट्र जागृति अभियान’ ध्वनिचित्रचक्रिका का प्रसारण किया गया ।

‘सामाजिक दुष्प्रकृत्तियों का संगठित प्रतिकार तथा धर्माधिष्ठित हिन्दु राष्ट्र स्थापना का कार्य’, साथ ही ‘हिन्दु समाज में शौर्यजागर की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन कर जिज्ञासुओं को प्रबोधन किया गया । उस समय प्रसारित किए गए स्वसंरक्षण प्रशिक्षण प्रात्यक्षिकों के कारण उपस्थित लोगों में क्षात्रतेज विषय की जागृति उत्पन्न हुई ।

सनातन के ग्रंथ तथा उत्पादनी, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म के संदर्भ के फलकों की प्रदर्शनी को अधिक मात्रा में प्रतिसाद प्राप्त हुआ तथा उससे धर्मप्रसार का उद्देश्य सफल हुआ ।

गुरुपूर्णिमा महोत्सव में सनातन के ग्रंथों का प्रकाशन

महाराष्ट्र में कसई (ठाणे), देहली तथा गुजराथ में वापी नवसारी के गुरुपूर्णिमा महोत्सव में अनुक्रम से सनातन के ‘उतारा एवं मानस कुदृष्टि’, ‘साधारण किकारों के लिए बिंदूदाब उपचार’, तथा ‘आचार धर्म की प्रस्ताकना’ इन हिन्दी भाषा के ग्रंथों का, साथ ही कर्नाटक राज्य में सनातन के कन्नड भाषा के छह ग्रंथों का प्रकाशन किया गया । ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कार्य का संक्षिप्त परिचय तथा संतों द्वारा किया गया गौरव’ इस ग्रंथ का गदग में,‘विकारानुसार नामजप तथा उपाय’ इस ग्रंथ का बेंगलुरु में, ‘विकार निर्मूलन हेतु खाली बक्सों के उपाय किस प्रकार करने चाहिए ?’ इस ग्रंथ का उडुपी में, ‘विकार निर्मूलन हेतु खाली बक्से के उपाय’ इस ग्रंथ का मंगलुरु में, ‘नामजप के कारण दूर होनेवाले विकार’ इस ग्रंथ का विजयपुरा में, तो ‘विकार निर्मूलन हेतु नामजप’ इस कन्नड भाषा के ग्रंथ का हुब्बळी में प्रकाशन किया गया ।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के छायाचित्रमय ग्रंथ का प्रकाशन गोवा में पराप्तर गुरु डॉ. आठवलेजी के छायाचित्रमय चरित्रग्रंथ का प्रकाशन ह.भ.प. रामकृष्णबुका गर्दे तथा सनातन की सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ के हाथों किया गया ।

सनातन के ग्रंथ तथा उत्पादनी, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म इस विषय के फलकों की प्रदर्शनी को अधिक मात्रा में प्रतिसाद प्राप्त होकर धर्मप्रसार का उद्देश्य सफल हुआ ।

मध्यप्रदेश

इंदौर – यहां के भक्तवात्सल्य आश्रम में ७ जुलाई को प.पू भक्तराज महाराजजी की जयंती मनाई गई । दूसरे दिन श्री गुरुचरण पादुका की शोभायात्रा निकाली गई । ९ जुलाई को नवनीत गार्डन, विज्ञान नगर, इंदौर में श्री व्यासपूजन और श्री सत्यनारायण पूजन किया गया । इसके उपरांत प.पू. सद्गुरु श्री अनंतानंद साईश, प.पू. सद्गुरु श्री भक्तराज महाराज व प.पू. सद्गुरु रामानंद महाराजजी की पादुकाआें का पूजन किया गया । एक सहस्र श्रद्धालुआें ने इस कार्यक्रम का लाभ लिया ।

उज्जैन – आज पूरे भारत में हिन्दुआें की स्थिति दयनीय होती जा रही है । हिन्दुआें की रक्षा के लिए आवाज उठाना आज का प्रमुख कार्य है । एकमात्र परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ही काल के अनुसार हिन्दुआें की रक्षा के लिए यह कार्य कर रहे हैं । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए सनातन संस्था व हिन्दू जनजागृति समिति कार्य कर रही हैं । कालानुसार सभी को इस कार्य में सहभागी होना चाहिए, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू शौर्य जागरण अभियान के सचिव श्री. अरविंद जैन ने किया । वे उज्जैन के महाराष्ट्र समाज सभागृह में गुरुपूर्णिमा महोत्सव में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे । साथ ही, भोपाल और इंदौर में भी गुरुपूर्णिमा महोत्सव एवं जबलपुर में गुरुपूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ । सभी कार्यक्रमों मेंे कुल मिलाकर २३० से अधिक जिज्ञासुआें ने लाभ लिया ।

क्षणिकाएं –
अ. थिम्स २४ न्यूज चैनल के संस्थापक संपादक श्री. कपूरजी कार्यक्रम में उपस्थित थे । उन्होंने कार्यक्रम का समाचार अपने पोर्टल पर रखा, जिसका लाभ २ लाख ९० हजार जिज्ञासुआें ने लिया ।
आ. उज्जैन सिंहस्थ प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री. दिवाकर नातूजी की इस कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति थी । श्री. नातू, महाराष्ट्र समाज के पदाधिकारी श्री. भूषण नाईक, पार्षद श्रीमती राजश्री जोशीजी का धर्मकार्य में सहयोग करने के लिए सत्कार किया गया ।

ब्रह्मपुर (बुरहानपुर) – सनातन संस्था धर्मप्रसार का कार्य कर रही है, तो भी आज संस्था पर निराधार आरोप किए जाते हैं । संस्था का कार्य हमने निकट से देखा है, इसलिए संस्था पर हमारा पूर्ण विश्‍वास है । उनके कार्य को हमारा सदैव सहयोग रहेगा । ऐसा अधिवक्ता हेमंत पाटील ने नशानागर मंगल कार्यालय, प्रतापपुरा मेंे आयोजित एक कार्यक्रम में बताया । साथ ही, इस कार्यक्रम में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृत महोत्सव के निमित्त देशभर में चलाए गए हिन्दू राष्ट्रजागृति अभियान की दृश्य-श्रव्य चक्रिका भी दिखाई गई । इस कार्यक्रम का १०० से अधिक जिज्ञासुआें ने लाभ लिया ।

उत्तर प्रदेश

देहली – भारत एक सनातन व आध्यात्मिक तथा हिन्दू मान्यताओं का देश होते हुए भी हिन्दुओं पर ही देश में अत्याचार हो रहे हैं । सनातन संस्था जैसी संस्थाओं को बताना पडता है कि एकमात्र भारत में ही हिन्दुओं का स्थान है । संगठन की शक्ति से परिवर्तन होगा और हिन्दू राष्ट्र आएगा । ऐसा प्रतिपादन अधिवक्ता शैलेन्द्र जैसवालजी ने किया । वे नई देहली के सनातन धर्म मंदिर में संपन्न गुरुपूर्णिमा महोत्सव में उपस्थित लोगों का संबोधन कर रहे थे ।

नोएडा – धैर्य और उत्साह से युक्त सात्त्विक कार्यकर्ताओं की साधना के कारण हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! ऐसा प्रतिपादन देहली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता भगवान् स्वरूप शुक्लजी न किया । वे नोएडा के ईशान म्यूजिक कॉलेज में मनाई गई गुरुपूर्णिमा महोत्सव में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहेथे । इसके पश्‍चात हिन्दुओं को शौर्यजागरण करने की आवश्यकता इस विषय पर डॉ. भूपेश शर्माजी ने मार्गदर्शन किया ।

वाराणसी – भारत में हजारों वर्षों का हिन्दू राज्यव्यवस्था का इतिहास होने के उपरांत भी कांग्रेसी नेताआें ने ब्रिटिश राज्यव्यवस्था पर आधारित लोकतंत्र अपनाया । परिणामस्वरूप आज भ्रष्टाचार, अनाचार, अपराध, तुष्टीकरण ही व्याप्त है । इसमें परिवर्तन लाने हेतु आज हम सभी इस गुरुपूर्णिमा के शुभावसर पर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु कटिबद्ध हों ।, ऐसा प्रतिपादन श्रीमती श्रेया प्रभु ने संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल में संपन्न गुरुपूर्णिमा महोत्सव में किया । इसके पश्‍चात हिन्दुआें का शौर्यजागरण करने की आवश्यकता विषय पर मार्गदर्शन श्री. राजन केसरी ने किया । इसके पश्‍चात गुरुपूर्णिमा स्मारिका २०१७ का विमोचन संत अतुलानंद रचना परिषद के सचिव श्री. राहुल सिंह के शुभहस्तों हुआ ।
उत्तर प्रदेश के सैदपुर एवं बिहार के समस्तीपुर, दानापुर में भी गुरुपूर्णिमा संपन्न हुई । इन सभी कार्यक्रम का लाभ कुल मिलाकर ६०० जिज्ञासुआें ने लिया ।

हरियाणा

फरीदाबाद – जब तक व्यक्ति का आध्यात्मिक उत्थान नहीं होगा, राष्ट्र का उत्थान नहीं होगा ! आज की परिस्थिति के अनुसार प्रत्यक्ष कृति से ही हम व्यवस्था परिवर्तन के बारे में सोच सकते हैं ।, ऐसा प्रतिपादन श्री. अनुज अग्रवालजी ने यहां के श्री रघुनाथ मंदिर में संपन्न गुरुपूर्णिमा महोत्सव में संबोधित करते हुए किया । इसके पश्‍चात श्री. अनुज अग्रवालजी ने गुरुपूर्णिमा स्मारिका का लोकार्पण किया । कार्यक्रम में १०० जिज्ञासु उपस्थित थे ।

राजस्थान

जोधपुर – श्रीमद्भगवद्गीता केवल घर में रखने के लिए नहीं, अपितु उसके अनुसार कृति करने के लिए है । धर्म के लिए समर्पित होकर अपना कार्य करना चाहिए । २०११ के एक सर्वेक्षण से यह ध्यान में आया कि ६ वर्ष तक के आयुवर्ग में ५१ प्रतिशत लडके मुसलमान हैं । अन्य धर्मियों की जनसंख्या ऐसे ही बढती रही तो हम सब अल्पसंख्यक हो जाएंगे । इसके लिए जागृत रहकर हमें संगठित होना होगा ।, ऐसा प्रतिपादन अधिवक्ता श्री. मोतिसिंह राजपुरोहित ने किया । वे शास्त्रीनगर स्थित लायन्स क्लब के सभागृह में आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में आतंकवाद की चुनौती और हिन्दू संगठन की आवश्यकता, विषय पर उपस्थित लोगों का संबोधन कर रहे थे ।
जयपुर के सोडाला में भी गुरुपूर्णिमा महोत्सव संपन्न हुआ ।

ओडिशा

राऊरकेला – ओडिशा में हाथीवाडी के शिवमंदिर में गुरुपूर्णिमा महोत्सव संपन्न हुआ । श्री. चामरा साहूजी ने धर्माचरण और धर्मशिक्षण का महत्त्व, इस विषय पर मार्गदर्शन किया । कुल मिलाकर ३५ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक और ग्रामीणों ने इस महोत्सव का लाभ लिया । हिंदु जनजागृती समिति के उडिशा राज्य समन्वयक श्री. प्रकाश मालोंडकरजी ने सामाजिक दुष्प्रवृत्तियों का संगठित प्रतिकार और धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का कार्य, इस विषय पर प्रवचन किया ।

झारखंड

धनबाद – गुरुपूर्णिमा महोत्सव के निमित्त ५ जुलाई को हनुमान मंदिर, रणधीर वर्मा चौक से प्रसारफेरी निकाली गई ! कार्यक्रम में डॉ. कौशिक चन्द्र मल्लिकजी बोले, मेरे मन में संस्कृत भाषा में कुछ श्‍लोक थे । इन श्‍लोकों के यथार्थ क्या हैं ? इसे मैं अपने साधना में कैसे उतारूं ? ऐसे भी मन में प्रश्‍न थे ! जब मैं सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी से मिला था, तब उन्होंने स्वयं ही मुझे मेरे मन के सभी श्‍लोकों का अर्थ बताया ! गुरु भले शरीर से अलग-अलग हों; परंतु गुरुतत्त्व एक है, यह मात्र सिद्धांत नहीं, यथार्थ है ।
कार्यक्रम में तरुण हिन्दू के संस्थापक डॉ. नील माधव दास, श्री. बाप्पा सरकार, आसनसोल से आए श्री. अरविंद साऊ, श्री. बरुण साऊ उपस्थित थे ।

श्यामडीह – यहां के सरस्वती शिशु मंदिर में प्राचार्य श्री. सच्चिदानंद सिंहजी ने सपत्नीक पूजन किया । महोत्सव में कोलकाता के शास्त्र धर्म प्रचार सभा से डॉ. शिव नारायण सेनजी ने जीवन में साधना की आवश्यकता इस विषय पर मार्गदर्शन किया ।

कतरास – यहां के खेमका निवास, रानी बाजार में डॉ. सेन द्वारा मेधावी साधक विद्यार्थियों का सम्मान किया गया !

जमशेदपुर – राम मंदिर, बिस्टुपुर में गुरुपूर्णिमा महोत्सव में धर्मप्रेमी श्री. रवि भूषण व श्री. मनमथ रावजी का सम्मान किया ! झारखंड में शोभायात्रा व सभी कार्यक्रम का कुल मिलाकर २,००० से अधिक जिज्ञासुआें ने लाभ लिया ।

पश्‍चिम बंगाल

कोलकाता के यूनिवर्ल्ड सिटी, राजारहाट में गुरुपूर्णिमा महोत्सव में शास्त्र धर्म प्रचार सभा के श्री. भास्कर सेनगुप्ता ने कहा कि गुरु को शिष्य का भूत और भविष्य दोनों ज्ञात रहता है ! शिष्य के परमकल्याण के लिए जो आवश्यक है, गुरु उससे वही करवाकर लेते हैं ! कार्यक्रम में ४२ जिज्ञासु उपस्थित थे !

असम

यहां के राम मंदिर, बडाबाजार में गुरुपूर्णिमा महोत्सव संपन्न हुआ । महोत्सव समिति के श्री. विश्‍वनाथ कुंडु ने हिन्दुआें का शौर्यजागरण करने की आवश्यकता इस विषय पर उपस्थितों का मार्गदर्शन किया । कार्यक्रम का लाभ ४९ जिज्ञासुआें ने लिया ।

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