ऋषि-मुनियों के आश्रम में विचरनेवाले पशु-पक्षियों का स्मरण करवानेवाले सनातन के आश्रम, संत एवं साधक की ओर आकृष्ट होनेवाले पक्षी !

प्राणी एवं पक्षी प्राकृतिक रूप से दुर्बल होने के कारण अन्य प्राणियों से बचने के लिए वे सुरक्षा के विविध मार्ग अपनाते हैं; परंतु साधकों अथवा संतों के संदर्भ में उन्हें निश्चिति होती है कि वे उनके पास सुरक्षित हैं । इसलिए पक्षी साधकों की ओर आकृष्ट होते हैं और निश्चिंत होेकर दीर्घकाल तक उनके साथ रहते हैं ।

वाराणसी आश्रम में बुद्धिअगम्य परिवर्तन

वाराणसी आश्रम में बढा हुआ चैतन्य दर्शानेवाले बुद्धीअगम्य परिवर्तनों के विषय में यहां देखेंगे !-सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ

वाराणसी सेवाकेंद्र के प्रांगण में उगा हुआ विशेषतापूर्ण अमरूद का पेड !

वाराणसी सेवाकेंद्र के प्रांगण में अमरूद का एक पेड है । इस अमरूद के पेड की विशेषता यह है कि उसके कई स्थानों में एक ही स्थान पर ४ से ५ अमरूद आते हैं और एक ही शाखा की एक ही पंक्ति में कई अमरूद आते हैं । इस पेड का तना मध्यम आकार का है । इस पेड की ओर देखने पर आनंद और उत्साह प्रतीत होता है ।

रामनाथी (गोवा) सनातन आश्रम के ध्यानमंदिर में अनेक देवी-देवता होने का विश्लेश्ण

सनातन के आश्रम में २५० से अधिक साधक साधना कर रहे हैं । जितने व्यक्ति, उतनी प्रकृति, उतने साधनामार्ग इस साधना के अन्य एक मूलभूत तत्त्व के अनुसार आश्रम में साधना कर रहे अनेक साधकों में से प्रत्येक के उपास्यदेवता अलग-अलग हो सकते हैं ।

सनातन के सभी आश्रमों एवं प्रसारसेवा में सक्रिय साधकों को भावविश्‍व में ले जानेवाले रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में होनेवाले भावसत्संग !

भाव उत्पन्न करने के लिए किए जानेवाले ऐसे प्रयोगों से साधक अंतर्मुख बनता है । साथ ही, थोडे समय के लिए ही क्यों न हो; वह भावस्थिति का अनुभव करता है । साधक के अंतर्मन में उभरनेवाली प्रतिक्रियाएं, स्वभावदोष एवं अहं के विचार, बाहर आने लगते हैं और उसका मन निर्मल होने लगता है ।

आश्रम की बढती सात्त्विकता की प्रतीति देनेवाले दैवी परिवर्तन !

सनातन आश्रम की सात्त्विकता की प्रतीति देनेवाले दैवी परिवर्तनों के आगे दिए कुछ उदाहरण देखें, तो यही अनुभव होता है कि ईश्‍वर सनातन पर कितनी कृपा बरसा रहे हैं ।

हिन्दू-संगठन एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का दिशादर्शक केंद्र !

केवल हिन्दुआेंको एकजुट करनेवाली विचारधारा ही दशे – धर्म की रक्षा तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कर सकती है, यह ध्यान में रख विविध हिन्दू संगठन, संप्रदाय, अधिवक्ता (वकील), विचारक आदि का दिशादशर्न करने हेतु आश्रम में कार्यशाला, अधिवेशन आदि का आयोजन किया जाता है ।

बुद्धिअगम्य जगत का अभूतपूर्व आध्यात्मिक शोधकार्य !

हिन्दू आहार, वेशभूषा, धार्मिक कृत्य, जप, मुद्रा व न्यास इ. के व्यक्ति व वातावरण पर हाेनेवाले अच्छे प्रभावों संबंधी १,००० से अधिक विषयों पर यूनिवर्सल थर्मो स्कैनिंग , पॉलीकाॅण्ट्रास्ट इटंरफेरन्स फोटोग्राफी इ. द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से शाेध किया है ।

साधकों में सद्गुणों का संवर्धन करनेवाला आश्रमजीवन !

साधकों को पूरा समय साधना के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध हो, इसके लिए परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी ने रामनाथी, गोवा में सनातन आश्रम की निर्मिति की है । यहां लगभग ६०० साधक आनंदमय आश्रमजीवन का लाभ ले रहे हैं । 

सामाजिक एकता का प्रतीक एवं राष्ट्ररक्षा, धर्मजागृति के कार्य का ऊर्जास्रोत हैं सनातन आश्रम !

ईश्‍वरप्राप्ति का सर्वोच्च ध्येय पाने के लिए अहं मिटाने हेतु प्रत्येक साधक प्रयत्नरत रहता है । किसी के मन में जाति-पाति, ऊंच-नीच आदि का विचार भी नहीं आता ।