अनेक विकारों पर औषधि : पान का बीडा

भारतीय संस्कृति में अनमोल ‘पान’, अर्थात खाने का ‘पान’ अर्थात बीडा । आयुर्वेदानुसार एवं व्यवहारानुसार इसके गुण-दोष हम देखेंगे ।

अत्यंत ही अल्प उपयोगी विदेशी सेब की अपेक्षा भारतीय फल खाएं !

भारत में केवल हिमाचलप्रदेश एवं कश्मीर, इन दो राज्यों में ही होनेवाला सेब, यह फल आज सर्व राज्यों में बारहों महीने उपलब्ध है । उसका वृक्ष कैसा होता है ? उसके पत्ते कैसे दिखाई देते हैं ? उसका बौर कैसा होता है ?

सहजन, जोडों में वेदना एवं भारतीय खेती

भारतीय नागरिक कैल्शियम बढाने के लिए गोलियां खाते हैं; परंतु कैल्शियम से भरपूर सहजन की फलियां खाने के प्रति उदासीनता दिखाते हैं !

कालमेघ वनस्पति और विकारों में उसके उपयोग

कालमेघ वनस्पति संक्रामक रोगों के लिए अत्यंत उपयुक्त है । यह बहुत ही कडवी होती है । इसका उपयोग ज्वर और कृमियों के लिए किया जाता है । यह सारक (पेट को साफ करनेवाली) होने से कुछ स्थानों पर वर्षा ऋतु में और उसके उपरांत आनेवाली शरद ऋतु में सप्ताह में एक बार इसका काढा पीने की प्रथा है । इससे शरीर स्वस्थ रहता है ।

नि:शुल्क; परंतु बहुमूल्य आयुर्वेदीय औषधियां : सेमल के फूल एवं मक्के के भुट्टे के केश (बाल)

पुणे के श्री. अरविंद जोशी नामक एक सद्गृहस्थ हैं जो विविध भारतीय उपचारपद्धतियों का अभ्यास करनेवाले हैं । उन्होंने अपनी शोध वृत्ति से इन फूलों का औषधीय गुणधर्म ढूंढा और अनेकों को उससे लाभ हुआ । उनके पास इसके अनेक उदाहरण हैं । उनका एक लेख पढकर मैंने भी कुछ रोगियों को ये फूल दिए, तो ध्यान में आया कि उन्हें भी बहुत लाभ हुआ है ।

बहुगुणी आंवला !

‘आंवला पृथ्वी पर अमृत है ! आंवला शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कष्ट दूर करने के लिए उपयुक्त है; इसलिए आयुर्वेद में इसे ‘औषधियों का राजा’ कहते हैं । ‘आमला एकादशी’ पर श्रीविष्णु को आंवला अर्पण करते हैं ।

लहसुन के औषधीय उपयोग

भोजन में रूचि उत्पन्न करनेवाले पदार्थों में लहसुन का स्थान महत्त्वपूर्ण है । पदार्थ के पाचन हेतु लहसुन का उपयोग किया जाता है ।

लौकी और कडवी लौकी के औषधीय उपयोग

लौकी एक उपयुक्त सब्जी है । लौकी का रस का सेवन कर वजन कम करें’, यह सुनकर आजकल वजन कम करने के लिए लोग ऐसा कर रहे हैं; परंतु सभी को वैसा करना योग्य नहीं ।