नैसर्गिक आपत्तियों में संगठितरूप से आपत्कालीन सहायता कैसे करें ?

    अनुक्रमणिका१. आपत्तियों का सखोल अध्ययन करना आवश्यक१ अ. आपत्कालीन घटना का स्वरूप और व्याप्ति समझकर लेना१ आ. आपत्कालीन सहायताकार्य करने के विषय में प्राधान्यक्रम निश्चित करना१ इ. पूर्वतैयारी के लिए घटनास्थल की भौगोलिक स्थिति का अंदाज लेना२. आपत्कालीन सहायता करने की पद्धति३. सहायताकार्य करनेवाले स्वयंसेवकों में आवश्यक गुण और कौशल४. आपत्कालीन सहायताकार्य के … Read more

बादल फटना क्या है ? और वह कैसा था ?

ये मेघ (बादल) गरजते हुए आंधी-तूफानी वर्षा लेकर आते हैं । इन बादलों का नाम ‘कुमुलोनिम्बस’ है । यह ‘लैटिन’ शब्द है । ‘क्युम्युलस’ अर्थात एकत्र होते जानेवाले और ‘निम्बस’ अर्थात बादल । संक्षेप में, अत्यंत वेग से एकत्र होते जानेवाले वर्षा के बादल, यह प्रारंभ होता है ।

विश्वयुद्ध, भूकंप इत्यादि आपदाओं का प्रत्यक्षरूप से सामना कैसे करें ? (भाग ९)

अबतक हमने इस लेखमाला में विविध आपदा एवं उनसे बचाव करने से संबंधित सूत्र देखे । इस लेख में इन सभी आपदाओं के संदर्भ में कुछ सामायिक सूचना हैं । उन्‍हें ध्‍यान में रखकर आपदा से पूर्व कुछ तैयारियां करना संभव होगा ।

महायुद्ध, भूकंप इत्यादि आपत्तियाें का प्रत्यक्ष रूप से सामना कैसे करें ? (भाग ८)

भूस्खलन होने के कारण, उसकी विभीषिका, भूस्खलन का संकट टालने हेतु कुछ प्रतिबंधात्मक समाधान, भूस्खलन होने से पूर्व मिलनेवाली कुछ सूचना, भूस्खलन होते समय तथा होने के पश्चात क्या करना चाहिए आदि विषयों की जानकारी दी गई है ।

विश्वयुद्ध, भूकंप इत्यादि आपदाओं का प्रत्यक्षरूप से सामना कैसे करें ? (भाग ७)

अन्य समय पर देश में ठंड के मौसम में शीतलहर आती है । हिमालय में तो तापमान शून्य के नीचे ४० डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है । आज के आपातकाल में शीतलहर आने की संभावना को भी टाला नहीं किया जा सकता । इस लेख में भारत में शीतलहर आने पर सामान्यतः क्या उपाय किए जा सकते हैं, इसकी जानकारी दी गई है ।

विश्‍वयुद्ध, भूकंप इत्‍यादि आपदाओं का प्रत्‍यक्षरूप से सामना कैसे करें ? (भाग ६)

भारत में लू लगने से सैकडों लोगों की मृत्‍यु होती है । गर्मी की लहर और लू क्‍या होती हैं ? गर्मी की लहर से होनेवाले परिणाम, उसके कारण होनेवाली बीमारियां, नए घर का निर्माण करते समय गर्मी से रक्षा होने हेतु क्‍या करना चाहिए ? भविष्‍य में विविध कारणों से गर्मी की लहर आने पर कौन से उपाय करने चाहिए ?, इस लेख में इसकी जानकारी देने का प्रयास किया गया है ।

विश्वयुद्ध, भूकंप आदि आपदाओं का प्रत्यक्ष सामना कैसे करें ? (भाग ५)

इस लेख में सुनामी की जानकारी दी गई है । सुनामी क्या है ? सुनामी आने से पूर्व की जानेवाली तैयारी, सुनामी आने के संकेत, प्रत्यक्ष सुनामी के समय किन बातों पर ध्यान दें और सुनामी समाप्त होने के पश्चात क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी दी गई है ।

विश्वयुद्ध, भूकंप आदि आपदाओं का प्रत्यक्ष सामना कैसे करें ? (भाग ४)

इस लेख में भूकंप के विषय में जानकारी दी गई है । भूकंप आने से पहले की जानेवाली कुछ तैयारियां, प्रत्यक्ष भूकंप आए तो क्या करना है और भूकंप होने पर क्या करें, इसकी जानकारी दी गई है ।

विश्‍वयुद्ध, भूकंप आदि आपदाओं का प्रत्‍यक्ष सामना कैसे करें ? (भाग ३)

जैविक अस्‍त्रों द्वारा होनेवाले आक्रमण – ‘जैविक अस्‍त्र’ क्‍या है ?
मनुष्‍य, पशु तथा फसल पर बीमारी फैलाने हेतु उपयोग में लाए जानेवाले सूक्ष्म जीवाणुओं अथवा विषाणुओं को ‘जैविक अस्‍त्र’ कहते हैं । पशुओं का संक्रामक रोग (एंथ्रेक्‍स), ग्रंथियों का रोग (ग्‍लैंडर्स), एक दिन छोडकर आनेवाला ज्‍वर (ब्रुसेलोसिस), हैजा (कॉलरा), ‘प्‍लेग’, ‘मेलियोआइडोसिस’ इत्‍यादि रोगों के जीवाणुओं एवं विषाणुओं का उपयोग ‘जैविक अस्‍त्र’ के रूप में किया जाता है ।