गुरुकृपायोग से शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति होने के कारण
गुरुकृपायोग के मूल्य जीव को सेवाभाव से अहं अल्प करने के लिए विशिष्ट स्तर पर चैतन्य प्रदान कर ‘समष्टि साधना से व्यष्टि साधना की अपेक्षा अहं न्यून होने में शीघ्र सहायता मिलती है’, इसकी शिक्षा देते हैं ।’ अहं नष्ट करने के लिए गुरुकृपा की आवश्यकता होती है आैर इसलिए ‘गुरुकृपायोग’ सर्व योगों में श्रेष्ठ योग है ।