सत्संग का महत्त्व

एक बार वसिष्ठ एवं विश्वामित्र ऋषिके बीच विवाद खडा हुआ कि सत्संग श्रेष्ठ है अथवा तपस्या ? वसिष्ठ ऋषिने कहा, ‘सत्संग’; किंतु विश्वामित्र ऋषिने कहा, ‘तपस्या’ । इस विवादके निष्कर्ष के लिए वे देवताओंके पास गए । देवताओंने कहा, ‘‘केवल शेष ही तुम्हारे प्रश्नका उत्तर दे सकेंगे ।’’ तब वे दोनों शेषनागके पास गए । उनके प्रश्न पूछनेपर शेषने कहा, ‘‘तुम मेरे सिरसे पृथ्वीके भारको हल्का करो, फिर मैं सोचकर उत्तर दूंगा ।’’