हिन्दू नववर्षारंभ (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) से व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में रामराज्य स्थापित करने का संकल्प करें !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का नववर्ष के अवसर पर संदेश
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का नववर्ष के अवसर पर संदेश
‘महाशिवरात्रि’ के काल में भगवान शिव रात्रि का एक प्रहर विश्राम करते हैं । महाशिवरात्रि दक्षिण भारत एवं महाराष्ट्र में शक संवत् कालगणनानुसार माघ कृष्ण चतुर्दशी तथा उत्तर भारत में विक्रम संवत् कालगणनानुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाती है । इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को है ।
हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति में उच्च देवताआें की उपासना और उनके विविध त्योहार और उत्सव हैं । उसी प्रकार उसमें कनिष्ठ देवताआें की भी उपासना है । सूर्य, चंद्र, अग्नि, पवन, वरुण और इंद्र आदि प्रमुख कनिष्ठ देवता हैं । मनुष्य तथा प्राणिमात्र के जीवन में इन कनिष्ठ देवताआें का महत्त्वपूर्ण स्थान है ।
हिन्दुओ, ध्यान रखो, जो समाज अजेय है, उसका राष्ट्र ही विजयादशमी मनाने हेतु पात्र है ! इसीलिए विजयादशमी के उपलक्ष्य में हिन्दू समाज को अजेय बनाने का संकल्प करो !
गोकुलाष्टमी की तिथि पर श्रीकृष्ण का तत्त्व पृथ्वी पर नित्य की तुलना में १००० गुना अधिक कार्यरत होता है । इस तिथि पर गोकुलाष्टमी का उत्सव मनाने तथा ॐ नमो भगवते वासुदेवाय । नामजप आदि उपासना भावपूर्ण रूप से करने पर नित्य की तुलना में अधिक मात्रा में कार्यरत कृष्णतत्त्व का लाभ मिलता है ।
अधिक मास को ‘मलमास’ कहते हैं । अधिक मास में मंगल कार्य की अपेक्षा विशेष व्रत और पुण्यकारी कृत्य किए जाते हैं ।
जिनका मंत्र ‘रामभक्ति’ तथा धुन ‘रामसेवा’ ही है, वे हनुमानजी हैं । प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक के पश्चात उनके श्रीचरणकमलों में बैठकर हनुमानजी ने अपने प्राणनाथ प्रभु से आर्तता से आगे दी हुई प्रार्थना की ।
इस वर्ष गुडीपडवा २२ मार्च को है । गुडीपडवा अर्थात सृष्टि का निर्मिति दिन ! इस नववर्षारंभ दिन के अवसर पर श्रीरामस्वरूप सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के चरणों में शरणागत होकर साधना के प्रयास बढाने का शुभ संकल्प करें !…
‘अपने कुटुंबियों की नागभय से सदासर्वकाल मुक्ति हो, इसके साथ ही नागदेवता का कृपाशीर्वाद प्राप्त हो’, इस हेतु प्रति वर्ष श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी को अर्थात नागपंचमी को नागपूजन किया जाता है ।
भगवान की कृपा प्राप्त करने के प्रयास बढाएं ! – श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ
धर्मसंस्थापना हेतु स्वक्षमता अनुसार योगदान करें ! – श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ