श्री मारूती स्तोत्र

अन्य देवताओंकी तुलनामें हनुमानजीमें अत्यधिक प्रकट शक्ति है । अन्य देवताओंमें प्रकट शक्ति केवल १० प्रतिशत होती है, जबकि हनुमानजीमें प्रकट शक्ति ७० प्रतिशत होती है । अत: हनुमानजीकी उपासना अधिक मात्रामें की जाती है । हनुमानजीकी उपासनासे जागृत कुंडलिनीके मार्गमें आई बाधा दूर होकर कुंडलिनीको योग्य दिशा मिलती है । साथही भूतबाधा, जादू-टोना, अथवा … Read more

काल के अनुसार आवश्यक सप्तदेवताओं के नामजप सनातन संस्था के जालस्थल (वेबसाइट) एवं ‘सनातन चैतन्यवाणी’ एप पर उपलब्ध !

‘आज के काल अनुसार कौनसा नामजप करना चाहिए ?, इसका अध्यात्मशास्त्र की दृष्टि से अध्ययन कर महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय ने विविध नामजप ध्वनिमुद्रित किए हैं । इन नामजपों का महत्त्व, विशेषताएं, नामजप करने की पद्धति, साथ ही देवता का नामजप अध्यात्मशास्त्र की दृष्टि से उचित होना क्यों आवश्यक है ?, इस विषय में यहां जानकारी दे रहे हैं ।

वैश्‍विक महामारी फैलानेवाले कोरोना विषाणु का नया प्रकार ओमिक्रॉन विषाणु से आध्यात्मिक स्तर पर लडने के लिए यह जप करें !

गुरुकृपा से यहां दिए गए जप से विश्‍व के सभी को लाभान्वित होकर ओमिक्रॉन विषाणु का विश्‍वभर का प्रभाव नियंत्रित हों और उसका प्रसार रुक जाएं, एवं यह नामजप करने के निमित्त से अनेकों को इस आपातकाल में साधना करने की गंभीरता ध्यान में आकर उनके द्वारा साधना आरंभ हों, यही श्रीगुरुचरणों में प्रार्थना !

‘निर्विचार’ अथवा ‘श्री निर्विचाराय नमः’ नामजप द्वारा निर्गुण स्‍थिति प्राप्‍त करने में सहायता होना

‘मन जब तक कार्यरत है तब तक मनोलय नहीं होता । मन निर्विचार करने हेतु स्‍वभावदोष-निर्मूलन, अहं-निर्मूलन, भावजागृति इत्‍यादि कितने भी प्रयास किए, तो भी मन कार्यरत रहता है । उसी प्रकार किसी देवता का नामजप अखंड किया, तो भी मन कार्यरत रहता है और मन में देवता की स्‍मृति, भाव इत्‍यादि आते हैं ।

देवता के ‘तारक’ और ‘मारक’ नामजप का महत्त्व

कोई भी कार्य कालानुसार करने से अधिक लाभ होता है । ‘कालानुसार देवता के तारक और मारक तत्त्व का किस ढंग से नामजप करने पर अधिक लाभ होता है’, इस विषय में अध्यात्मशास्त्रीय अध्ययन कर, कुछ देवताओं के नामजप का अभिलेखन (रिकार्डिंग) किया गया है ।

आदित्यहृदय स्तोत्र

आदित्यहृदय स्तोत्र लगाकर, सूर्यदेवता से प्रार्थना करना कि इस स्तोत्र के चैतन्य से अपने हृदय के सर्व ओर सुरक्षाकवच निर्माण हो । यह स्तोत्र लगातार ३ बार सुनें ।…

साधक कालानुसार बगलामुखी देवी से भावपूर्ण प्रार्थना कर, सवेरे अथवा शाम को देवी का बगलादिगबंधन स्तोत्र सुनें !

साधकों के सगुण स्तर पर रक्षा होने के लिए उन्हें कालानुसार देवी से भावपूर्ण प्रार्थना करनी चाहिए ।

कोरोना विषाणुओं के विरुद्ध स्‍वयं में प्रतिरोध शक्‍ति बढाने के लिए आध्‍यात्मिक बल प्राप्‍त हो, इसके लिए ईश्‍वर द्वारा सुझाया नामजप !

कोरोना विषाणुओं के विरुद्ध स्वयं में प्रतिरोधक शक्ति बढाने के लिए चिकित्सकीय सुझाव और चिकित्सा के साथ ही ईश्वर द्वारा सुझाए गए इन ३ देवतातत्त्वों के अनुपात के अनुसार निम्नांकित नामजप तैयार हुआ ।