विषमुक्त अन्न के लिए घर के घर ही में हरे शाक-तरकारी का रोपण करें !

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सनातन का ‘घर-घर रोपण’ अभियान

श्रीमती राघवी कोनेकर

‘आजकल खेत में उपयोग किए जानेवाले रसायन एवं कीटनाशक शरीर के लिए इतने हानिकारक होते हैं, कि उन्हें फव्वारते समय किसानों को भी अपना नाक-मुंह ढकना पडता है । ‘खेतों के ये विषैले रसायन अन्न के माध्यम से मनुष्य के पेट में जाने के कारण आज मधुमेह, रक्तदाब, कर्करोग जैसे गंभीर विकार बढ रहे हैं’, ऐसा अनेक तज्ञों का मत है । घर के घर ही में प्राकृतिक पद्धति से हरे शाक-तरकारी का रोपण कर न्यूनतम (कम से कम) अपने कुटुंब के लिए तो विषमुक्त अन्न उगाना हमारे लिए सहज संभव है । तो चलिए ! सनातन के घर-घर रोपण अभियान में सहभागी होकर विषमुक्त अन्न का संकल्प करेंगे !’

– श्रीमती राघवी मयूरेश कोनेकर, ढवळी, फोंडा, गोवा. (१.८.२०२२)

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