धर्मसम्राट करपात्री स्वामीजी का अलौकिक कार्य !
वर्ष १९०७ में श्रावण शुक्ल पक्ष द्वितीया को उत्तरप्रदेश के प्रतापगड जिले के भटनी ग्राम में करपात्री स्वामीजी का जन्म हुआ था ।
वर्ष १९०७ में श्रावण शुक्ल पक्ष द्वितीया को उत्तरप्रदेश के प्रतापगड जिले के भटनी ग्राम में करपात्री स्वामीजी का जन्म हुआ था ।
स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें, तो इन पेयपदार्थों में जीवनसत्त्व अथवा खनिज तत्त्वों का नामोनिशान भी नहीं रहता है ।
गोवा, महाराष्ट्र, कर्नाटक उत्तर भारत सहित देशभर के विविध राज्यों में सनातन संस्था के साधक और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के इस आवाहन का क्रियाशील प्रत्युत्तर करते हुए कृतज्ञता व्यक्त की ।
कोरोना के नाम पर कुछ नास्तिकतावादियों ने सामाजिक प्रसारमाध्यमों में हिन्दू धर्म की विद्वेषमूलक आलोचना से संबंधित संदेश प्रसारित किया है ।
भगवान शिव कैलास छोडकर कभी कहीं नहीं जाते हैं । इस अवसर पर कैलास छोडकर शिवजी को पार्वती और नंदी के साथ एक गुफा में रहने जाना पडा । वह गुफा है शिवखोरी की गुफा ।
मूलतः दूध अच्छा है; इसलिए दूधजन्य पदार्थ भी खाने में अच्छे होते हैं, ऐसा कुछ नहीं है । दूध और उससे बननेवाले सभी पदार्थों के गुणधर्म एक जैसे नहीं होते ।
सनातन संस्था के साधक श्री. जयकुमार के पिताजी के प्रथम श्राद्धविधि के उपलक्ष्य में १५ मार्च २०२० को चेन्नई में सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ और सात्त्विक उत्पाद का प्रदर्शन लगाया गया था ।
सर्दियों में सामान्यरूप से अधिकांश लोगों को सरदी-खांसी होती है । उसके लिए यहां लक्षणों के आधारपर उपयुक्त होमियोपैथी और बाराक्षार औषधियों की सूची दे रहे हैं ।
कठोर परिश्रम कर कंठस्थ किया गया विषय मस्तिष्क की किसप्रकार सहायता करता है, यह तंत्रिकाशास्त्र (न्यूरोसाईन्स) प्रमाणित करता है ।
मदार के वृक्ष में आनेवाले फल से रेशम समान कोमल रुई मिलती है । कहते हैं कि ‘मदार की कपास सावरी के (एक प्रकार वृक्ष) कपास से भी ठंडी होती है ।’