भाव का महत्त्व

भगवान का अस्तित्व प्रत्येक कृति करते समय तथा प्रत्येक क्षण अनुभव करना, प्रत्येक कृति करते समय भगवान के अस्तित्व की अनुभूति लेना, अथवा ईश्‍वर के अस्तित्व का भान होना, यही है भाव !

राममंदिर का निर्माणकार्य आरंभ हो गया है ! – महंत नृत्य गोपाल दासजी की घोषणा

‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थस्थान न्यास’के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने २८ वर्ष पश्चात रामलला के दर्शन करने के पश्चात रामजन्मभूमिपर राम मंदिर का निर्माणकार्य आरंभ होने की घोषणा की ।

आरती का महत्त्व

देवपूजा होने के उपरांत हम आरती करते हैं । आज भागदौड के युग में हम नियमित आरती नहीं कर पाते, तब भी शुभदिन अर्थात नवरात्री, दिवाली आदि के समय हम आरती करते ही हैं ।

साधक समष्टि हेतु (हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु) अब से इस प्रकार नामजप करें !

जिन साधकों का व्यष्टि साधना के अंतर्गत कुलदेवी/कुलदेवता तथा दत्त का नामजप, साथ ही अनिष्ट शक्तियों का कष्ट दूर करनेवाला जाप न्यूनतम ५ वर्ष से अच्छी तरह होता हो, तो अब वे हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु पूरक समष्टि जाप करें ।

कोरोना संकट के पश्‍चात तीसरा विश्‍वयुद्ध आरंभ होने के ९ प्रबल संकेत !

आजकल पूरे विश्;व में कोरोना का प्रकोप है । विश्व का प्रत्येक देश किसी भी स्थिति में कोरोना से मुक्ति पाने हेतु संघर्ष कर रहा है । अमेरिका और यूरोप में कोरोना के कारण उत्पात मचा है । ये दोनों अपनी दुर्दशा के लिए चीन को ही उत्तरदायी प्रमाणित कर रहे हैं ।

रामजन्मभूमि स्थल को समतल करते समय मिलीं मूर्तियां और शिवलिंग !

अयोध्या (उत्तर प्रदेश) के रामजन्म भूमि परिसर में राम मंदिर के निर्माण के उपलक्ष्य में भूमि को समतल करने का काम चल रहा है । इस काम के समय भूमि में विविध देवताओं की खण्डित मूर्तियां, अलग-अलग आकृतियोंवाले तथा कलाकारी किए हुए पत्थर, ७ ब्लैक टच स्तंभ, लाल रेत के पत्थर से बने पत्थर के ६ स्तंभ, पुष्पकलश और ५ फीट आकारवाला कलाकारी किया हुआ शिवलिंग मिला है ।

सनातन संस्थाद्वारा आयोजित ‘ऑनलाइन’ सत्संग

अब तक हुए सत्संग आप आगे दिए ‘सत्संग श्रृंखला’ (youtube playlist) पर click करके देख सकते है। सत्संग श्रृंखला के बाई (Left) ओर उपर click करके सभी सत्संग की सूची देख सकते है ! (उपर दिए हुए छायाचित्र में दिखाया है )  नामजप सत्संग प्रतिदिन सवेरे 10.30 से 11.15 | सायं 4.00 से 4.45 (पुनर्प्रसारण) … Read more

देहली, हरियाणा एवं पश्‍चिमी उत्तर प्रदेश में सनातन संस्था के कार्य का १० मार्च २०२० तक का ब्यौरा

देहली के भैरव मंदिर के विनय मार्गपर सनातन निर्मित ग्रंथ एवं सात्त्विक वस्तुओं की प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसका अनेक जिज्ञासुओं ने लाभ उठाया ।’

धायरी, पुणे के स्वयंभू देवस्थान श्री धारेश्‍वर !

धायरी गांव में स्थित धारेश्वरजी का मंदिर के दर्शन का अनुपम आनंद है । गर्भगृह में स्वयंभू प्रसन्न शिवलिंग को देखते ही हाथ अपनेआप जुड जाते हैं । चैत्र वद्य चतुर्थी को श्री धारेश्वर में बडा मेला लगता है ।

कोकण की काशी : श्री देव कुणकेश्‍वर

सिंधुदुर्ग जिले के देवगड तालुका में श्रीक्षेत्र कुणकेश्वर को कोकण की काशी संबोधित करते हैं । काशी में १०८ शिवलिंग हैं, तो कुणकेश्वर में १०७ शिवलिंग हैं । कोकण के अन्य प्रसिद्ध भगवान शंकर के स्थानों में इसकी गणना होती है ।