६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त करने हेतु किए जानेवाले प्रयत्न

साधना छोडकर अन्य सभी विषयों में वार्षिक परीक्षा होती है । परीक्षा के पहले केवल २ – ३ माह अध्ययन करने पर भी अनेक लोग उत्तीर्ण हो जाते हैं, जबकि साधना में प्रतिदिन, प्रत्येक क्षण परीक्षा होती है । उसमें उत्तीर्ण होना पडता है, तब ही ६१ प्रतिशत एवं उसका अगला स्तर साध्य कर सकते हैं ।

६१ प्रतिशत स्तर पर माया से मुक्त हो जाते हैं, अर्थात क्या होता है, इस पर सूझे विचार एवं ६१ प्रतिशत से आगे जाने के लिए किए जानेवाले प्रयत्न

प्रस्तुत लेख में ६१ प्रतिशत प्राप्त करने और आगे जाने के लिए वास्तव में कौनसे प्रयत्न करने चाहिए, यह दिया है । उनकी दृष्टि से साधना के कौनसे सूत्र महत्त्वपूर्ण हैं, यह इस लेख से स्पष्ट होता है ।

सनातन के १ सहस्र साधकों का ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर संतत्व की दिशा में मार्गक्रमण !

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए समाज का सत्त्वगुण बढना आवश्यक है । १ सहस्र साधकों ने आध्यात्मिक उन्नति की, जिसका आध्यात्मिक परिणाम समाज की सात्त्विकता बढने में होगा और इस माध्यम से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का मार्ग सुगम होगा । धन्य हैं परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी और धन्य है उनके द्वारा बताया गया गुरुकृपायोग साधना का मार्ग !’