चित्रके विषयमें मनमें किसी भी प्रकारकी मूर्त (स्पष्ट) कल्पना न होते हुए भी श्रीकृष्णने ऊपर उठाया है, ऐसा चित्र साकार होना

बालभावका चित्र बनाते समयका वीडियो रिकॉर्डिंग करनेका
नियोजन होना, उपनेत्र न पहननेके कारण स्पष्ट न दिखनेपर भी
शांतिसे चित्र साकार होना, चित्रके विषयमें मनमें किसी भी प्रकारकी
मूर्त (स्पष्ट) कल्पना न होते हुए भी श्रीकृष्णने ऊपर उठाया है, ऐसा चित्र साकार होना

वीडियो रिकॉर्डिंगके समय बनाया
बालभावका चित्र श्रीकृष्णने ही बनाया है, इसकी
साक्षी बनकर स्वयं उसकी ओर आश्चर्यसे देखते रहना 

‘यह चित्र सनातनके रामनाथी आश्रमके वीडियो रिकॉर्डिंग विभागमें हुई अनुभूतिका है । उपनेत्र (चश्मा) पहने बिना बनाया गया और इससे पूर्व कभी न अनुभूत, बालभावसंबंधी यह चित्र इस बातका साक्षि है कि श्रीकृष्णने ही यह चित्र बनाया है और मैं उसकी ओर आश्चर्यसे देख रही हूं ।’ – श्रीमती उमा रविचंद्रन्, चेन्नई

संदर्भ : सनातन-निर्मित ग्रंथ ‘बालभाव’में रेखांकित चित्र (भाग २)

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